कविता

तांका { 5 / 7 / 5 / 7 / 7 }

1
भेंट है मिला
बड़े संघर्षों बाद
स्वतंत्र देश
प्रजातांत्रिक वेश
विश्व अग्रणी केश
2
गुणन योग्य
है मधुमय तोष
देव की आस
माँ के गोद में खेलें
हिन्द देश में होती
3
देव का भेंट
प्रकृति करे प्यार
रवि रश्मियाँ
सर्व प्रथम आती
हिन्द धरा चूमती
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विभा रानी श्रीवास्तव

*विभा रानी श्रीवास्तव

"शिव का शिवत्व विष को धारण करने में है" शिव हूँ या नहीं हूँ लेकिन माँ हूँ

One thought on “तांका { 5 / 7 / 5 / 7 / 7 }

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब! एक-एक शब्द नपा-तुला, सटीक. साथ में सार्थक सन्देश भी. वाह !

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