कविता

पहली आवाज़

कान पाते रहे कब से
लेकिन उसकी किलकारी नहीं गूंजी
खिलखिलाई नहीं
कुछ तुतलाती सी आवाज
कानो तक पहुंची
“मम्म…मम्म “ अस्पष्ट ही लगे शब्द
मगर यकीनन
आवाज़ का प्रस्फुटन माँ शब्द से ही हुआ होगा
विश्वभाषा में पहला शब्द
और पहली आवाज़
जब दर्ज हुई होगी
माँ ही कहीं पास खड़ी होगी
-प्रशांत विप्लवी-

2 thoughts on “पहली आवाज़

  • सविता मिश्रा

    सुंदर

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुन्दर ! बेहतर चिंतन !!

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