एक खीझ सी उठती है… मन के सरवर मेँ उठता झंझावर
एक खीझ सी उठती है, उन घर के मलबोँ के आगे सूरज खिलता है, सड़ती बस्ती के ऊपर जब चाँद
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Read Moreक्या सुनी आज तुमने चाँद की सिसकियाँ? आज आर्यावर्त के उत्तरी कोने मेँ चाँद छिपा रो रहा था, बार बार
Read Moreतुमहूं बीए पास किहेउ, हम हॅू, एम ए पास किहेन। डिग्री लियय के चक्कर मा, कउने काम के नही रहेन।।
Read Moreउसकी खौफनाक आँखेँ, जिसकी सफेद परतोँ पर अक्सर लाल रक्त धमनियां दिखती थीँ, अंदर धँसी हुयीँ। जिनका भौहोँ के साथ
Read Moreएक ऐसी वस्तु का नाम बताइए जो खाने के भी काम आती है और पहनने के भी? चकरा गए? मैं
Read Moreकल पूरे परिवार के साथ घूमने गया था बारिश मे पूरे दिन मज़ा किया लेकिन वहीं पर एक पुलिस वाले
Read Moreप्रिय राहुल बबुआ, जब से तुम्हारी पार्टी लोकसभा का चुनाव हारी, हम सदमे में चले गये। उत्तराखण्ड में हुए उपचुनाव
Read Moreजब चुनाव लंगीचे आवत है, मन्दिर मुद्दा उठाय दियत। आजादी वाले दिनन मंे सहीदन की मुरती पोछाय दियत।। जब चुनाव…………………..पोछाय
Read Moreजब-जब तुझको याद करूँ मैं. तन्हा दिल आबाद करूँ मैं. बंधन है पर चाहत का है, क्यों खुद को आजाद
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