मोदी जी ने बिहार को बचाया भयंकर बाढ़ से
नेपाल की कोसी नदी नीचे उतरकर बिहार में होकर बहती है. लगभग हर साल ही उसमें नेपाल से एक साथ ढेर सारा पानी छोड़ा जाता है, जिससे बिहार के कई जिलो के सैकड़ों गाँव जलमग्न हो जाते हैं.
इस वर्ष यह खतरा और भी अधिक था, क्योंकि भूस्खलन के कारण एक पहाड़ का बड़ा टुकड़ा कोसी नदी में गिर पड़ा, जिससे उसका मार्ग अवरुद्ध हो गया और वहां एक बड़ी झील बन गयी, जिसमें लगभग ३ लाख क्यूबेक पानी एकत्र हो गया. यदि इस पानी को तत्काल न निकाला जाता तो नदी का तटबन्ध टूटने का खतरा था, जिससे नेपाल और बिहार दोनों में भयंकर संकट आ जाता. इसलिए नेपाल के अधिकारी उस पहाड़ को विस्फोट के उड़ाने जा रहे थे. ऐसा करने पर नेपाल तो बच जाता लेकिन बिहार में भयंकर बाढ़ आ जाती.
अभी जब मोदी जी नेपाल जा रहे थे, तो वे अपने साथ संकट से जूझने वाले विशेषज्ञों का एक दल ले गए. उन्होंने नेपाल को सन्देश भेज दिया था कि हमारे दल के आने से पहले कोई कार्यवाही न की जाये. जब भारत के विशेषज्ञों ने स्थिति का निरीक्षण किया, तो उन्होंने तत्काल २ छोटे विस्फोट करके कुछ पानी निकालने की सलाह दी.
इस सलाह पर अमल किया गया और इतना पानी निकल गया जिससे तटबन्ध टूटने का खतरा समाप्त हो गया और बिहार में भी बाढ़ नहीं आई. इसके बाद विशेषज्ञों ने राय दी कि अवरोध पैदा करने वाले पहाड़ को अभी विस्फोट से उड़ाने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उसके बीच में जो तीन छोटे-छोटे छेद बन गए हैं, उनको बड़ा कर दिया जाये तो सारा पानी धीरे-धीरे निकल जायेगा और बाढ़ भी नहीं आएगी.
नेपाल के अधिकारी अब इसी पर अमल कर रहे हैं. इसका परिणाम सबके सामने है. बिहार में बाढ़ का खतरा टल गया है. पर्याप्त पानी निकल जाने पर पहाड़ को भी हटा दिया जायेगा.
अभिनन्दन, मोदी जी. आपकी बुद्धिमानी और त्वरित कार्यवाही से बिहार एक बड़े संकट से बच गया. भले ही बिहार के मुख्यमंत्री और सेकुलर नेता इसका श्रेय आपको न दें, लेकिन सत्य तो सत्य ही रहेगा.
जय श्री राम ! नमो नमो !!
बिलकुल सही कहा विजय सर, नहीं तो हर साल बाढ़ की भयंकरता से बिहार की जनता त्रस्त थी, लेकिन इस साल कम से कम उन्हें भी लगा की “अच्छे दिन आ आगये”
धन्यवाद कमल जी।