Month: August 2014

गीतिका/ग़ज़ल

रंग बदलती दुनिया

रंग बदलती दुनिया सपनीली दुनिया मेँ यारों सपनें खूब मचलते देखे रंग बदलती दुनिया देखी ,खुद को रंग बदलते देखा सुबिधाभोगी को तो

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