मेरी कलम से ………
सौरभ के संग खिलते सुमन बौराए मधुप करे गुन-गुन गुलशन में आयी बहार सुगंध
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Read Moreमेरे कृष्ण कन्हैया ना कोख में पाला ना ही जन्म दिया , कृष्णा तुने यशोदा को माँ का मान दिया
Read Moreविमला मजदूरी कर घर पहुंची तो भड़क गयी भोलू पर, “कमाकर खिलाना नहीं था तो पैदा क्यों किया?” शराबी भोला
Read Moreइस बार मुजफ्फरपुर गई तो मेरी देवरानी बोली :- दीदी ,विभा लौट आई हैं और अपने घर में ही रह
Read Moreके अक्सर सोचते है हम, मोहब्बत इक खजाना है. खजाना जब था मोहब्बत, जमाना वो पुराना है. बदल
Read Moreगाँव के पहरे पर बैठे हुए ग्राम देवता अपने मन्दिर में से सभी कहारों की बस्ती के रखवाले बनकर सदा
Read Moreसूरज! तू क्या संग लाया है? आशाओं को, क्या पीली किरणों में बिखराया है? सूरज! तू क्या संग लाया है?
Read Moreनई दिल्ली: गोरखपुर से निर्वाचित भाजपा सांसद योगी आदित्य नाथ ने संसद में कांग्रेस की तथाकथित धर्म-निरपेक्षता की धज्जियां उड़ा
Read Moreकृष्ण द्वारा सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का सिर काटने के दृश्य को याद करके सब भयभीत हो गये। उन्होंने देखा
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