कविता

मोदी जी की शान में कुछ पंक्तियाँ

है भाग्य, समय ने यूँ कसके
तुम्हें कुन्दन कनक बनाया है।
पल पल खुद जल रोशन हो जो,
वो व्यक्तित्व महान बनाया है।।

है प्रखर ललाट उज्ज्वल मुख
ये तेज कहां से आया है।
क्या धरती ने तुम्हें तपा तपा के
कुंदन समान बनाया है ।।

नहीं डरते तुम, नहीं थकते तुम
नहीं थमती आशाएं मन की ।
अति वेग को तुम धारण करते
ये उन्माद कहां से आया है ।।

सतपथ पर रहते अडिग अटल
नहीं घबराते सतपथ पर चलने से ।
अतिवेग पवन बहे या धरा हिले
कोई रोक तुम्हें कहां पाया है ।।

मन द्रवित हो उठता है तब
अधरों से करूणा रस झरते।
पग पग पर, हर पथ पर जब
सेवा का हाथ बढ़ाया है ।।

है भाग्य समय ने यूँ कसके
तुम्हें कुन्दन कनक बनाया है,
तुम्हें कुन्दन कनक बनाया है ।।

 

— अंशु प्रधान

3 thoughts on “मोदी जी की शान में कुछ पंक्तियाँ

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    भारत का आज तक का सब से अच्छा नेता जो भारत को ऊन्चाइओन तक ले के जाएगा .

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुन्दर भाव-अभिव्यक्ति. मोदी जी का व्यक्तित्व वास्तव में बहुत प्रेरक है. एक राजनेता में इतने गुण होना दुर्लभ है.

    • अंशु प्रधान

      आभार – स्थान देने के लिये

Comments are closed.