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श्रम एव जयते

वर्षों पहले मैंने अपने मित्र और विख्यात कथाकार श्री जयनंदन की पुस्तक (उपन्यास) ‘श्रम एव जयते’ पढ़ी थी. जिसमे श्री जयनंदन ने एक प्रतिष्ठित कारखाने और उसके मजदूरों का विस्तृत विवरण, कथा के रूप में लिखा था. इसमे मजदूरों की ख़राब स्थिति और साथ ही सुधार के उपायों का भी जिक्र किया गया था. कुछ अच्छे कदम बताये गए थे. जिससे मजदूर और मालिक के सम्बन्ध बेहतर हो सकते हैं. बड़ी ही व्यावहारिक और सत्य घटनाओं पर आधारित कहानी थी. श्री जयनंदन को १९९१ में भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा युवा पीढ़ी प्रकाशन योजना के तहत सर्वश्रेष्ठ चयन के आधार पर उपन्यास ‘श्रम एव जयते’ का चयन और प्रकाशन, युवा साहित्यकार के रूप में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. आज मेरे वे मित्र निश्चित ही गद-गद होंगे क्योंकि उनकी कल्पना के कुछ अंश साकार होते दीख रहे हैं. नाम भी ठीक वही जो उस उपन्यास का था. देश के प्रधान सेवक, मजदूर नंबर वन ने श्रमेव जयते कार्यक्रम की घोषणा कर अब सभी मजदूरों, नौकरी पेशावाले निचले और मध्यम दर्जे के कर्मचारियों का दिल जीत लिया. कुछ सुधार, तो कुछ प्रोत्शाहन, और मान सम्मान भी बढ़ाया है. लेनिन ने नारा दिया था दुनियां के मजदूरों एक हो! अब मोदी जी ने सभी कामगारों, श्रमिकों, को नए सूत्र मे पिरोया है. जैसे कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के जरिये पोर्टेबिलिटी, श्रम मंत्रालय के साथ कामकाज में सहूलियत प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था के लिए पोर्टल और यूनिफाइड लेबर इन्सपेक्शन स्कीम शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंस्पेक्टर राज व्यवस्था को समाप्त करने के उपायों समेत अनेक श्रम सुधार कार्यक्रम पेश किए और कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन की सफलता के लिए कारोबार के अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। श्री मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम के तहत कई योजनाएं पेश कीं, जिनमें कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के जरिये पोर्टेबिलिटी, श्रम मंत्रालय के साथ कामकाज में सहूलियत प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था के लिए पोर्टल और यूनिफाइड लेबर इन्सपेक्शन स्कीम शामिल हैं।
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि ये सभी कदम उनकी सरकार के ‘न्यूनतम सरकार और अधिकमत सुशासन’ की पहल को बताते हैं। लेबर इन्सपेक्शन में पारदर्शिता लाकर इंस्पेक्टर राज खत्म करने और अधिकारियों द्वारा परेशान करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि एकाधिकार से जुडी प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए पारदर्शी लेबर इन्सपेक्शन स्कीम तैयार की जा रही है। अभी इन्सपेक्शन के लिए इकाइयों का चयन स्थानीय स्तर पर किया जाता है, जिसमें व्यावहारिक मापदंड का अभाव पाया जाता है। नई योजना के तहत गंभीर मामले अनिवार्य इन्सपेक्शन की सूची में आएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जितनी ताकत सत्यमेव जयते की है, उतनी ही ताकत श्रमेव जयते की है। उन्होंने कहा, ‘गरीबों के 27 हजार करोड़ रुपये ईपीएफ में पड़े हैं, जिसके लिए किसी ने दावा नहीं किया है। यह गरीब कर्मचारियों की मेहनत का पैसा है और मुझे इसे उन्हें वापस लौटाना है।‘ छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें फॉर्म के झंझट से मुक्ति मिलेगी, अब 16 की जगह एक फॉर्म भरने होंगे और यह ऑनलाइन उपलब्ध है। मोदी ने ऐलान किया कि अब कम्प्यूटर पर ड्रॉ के जरिये यह तय होगा कि कौन लेबर इंस्पेक्टर किस फैक्टरी का इन्सपेक्शन करने के लिए जाएगा और उसे 72 घंटे के भीतर ऑनलाइन रिपोर्ट आपलोड करना होगा। वैसे भी कहा जाता है परिश्रम कभी भी बेकार नहीं जाता और मौजूदा प्रधान मंत्री ने इसे साबित भी किया है|

पीएम ने कहा, ‘2020 तक दुनिया में करोड़ों कामगारों की जरूरत होगी। हमें श्रम को देखने का नजरिया बदलना चाहिए। आईटीआई वालों को हीन भावना से देखा जाता है,यह सही नहीं है।’ योजनाओं की शुरुआत के मौके पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआई) में ट्रेनिंग ले रहे 4.2 लाख छात्रों को पीएम की ओर से एसएमएस भेजकर उनका उत्साह बढ़ाया गया। एसएमएस में प्रधानमंत्री इन छात्रों को विशिष्ट बताते हुए उन्हें स्किल डिवलेपमेंट का ब्रैंड ऐंबैसडर बनने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पिछले सालों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने वाले आईटीआई से पास चुनिंदा व्यक्तियों की उपलब्धियों से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया।
छात्रों के अलावा करीब एक करोड़ ईपीएफओ उपभोक्ताओं को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के जरिये पोर्टेबिलिटी के बारे में एसएमएस भेजा गया। यूएएन के जरिए उपभोक्ता अपने ईपीएफ खाते की ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने के साथ ही फंड निकालने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकेंगे। उन्हें अपने एंप्लॉयर से आवेदन फॉरवर्ड कराने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। नौकरी बदलने के बाद भी कर्मचारी का यूएएन नंबर वही रहेगा। उसे केवल नए एंप्लॉयर के पास अपना यूएएन दर्ज कराना होगा। ईपीएफओ अब तक लगभग 4.17 करोड़ ईपीएफ ग्राहकों के यूएएन तैयार कर चुका है, जो 15 अक्टूबर से ऑपरेशनल हो गए।
तीसरी स्कीम का संबंध श्रम सुधारों से है। इसके तहत श्रम मंत्रालय द्वारा तैयार एकीकृत श्रम पोर्टल और यूनिफाइड लेबर इन्सपेक्शन स्कीम की शुरुआत हुई। आगे चल कर यूनिक लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर (एलआईएन) के जरिए प्रत्येक औद्योगिक इकाई का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन संभव होगा। वे आसानी से अपना एकल रिटर्न दाखिल कर सकेंगी। लेबर इंस्पेक्टर भी इस पर अपनी निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड कर शिकायतों का त्वरित समाधान कर सकेंगे। जल्द ही 6-7 लाख इकाइयों को एलआईएन जारी किए जाने की संभावना है।
चौथी और अंतिम स्कीम स्किल डिवलेपमेंट अप्रेंटिसशिप से ताल्लुक रखती है। इस समय देश में उद्यमिता प्रशिक्षण के लिए 4.9 लाख सीटें उपलब्ध हैं। इसके बावजूद महज 2.82 लाख अप्रेंटिस ही प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सरकार इस स्थिति को बदलना चाहती है। इसके लिए अप्रेंटिस प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। योजना के तहत प्रशिक्षुओं का स्टाइपेंड (मानदेय) बढ़ाने के साथ-साथ सिलेबस में भी बदलाव होगा। इससे मार्च, 2017 तक एक लाख प्रशिक्षुओं को फायदा मिलने की उम्मीद है। अगले कुछ वर्षो में प्रशिक्षु सीटों की संख्या बढ़कर 20 लाख होने की संभावना है।
निश्चित ही श्री मोदी अपने वोटरों के बड़े वर्ग को प्रभावित करने का काम किया है. सफाई अभियान से सभी को जोड़कर सफाई और सफाई कर्मचारियों के महत्व को इंगित किया और अब श्रमिकों के बड़े वर्ग को| श्री मोदी में इस तरह की कलाएं कूट कूट कर भरी है| मंगल मिशन की सफलता के समय वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हैं, तो सैन्य कमांडरों के सालाना सामूहिक सम्मेलन को संबोधन में मोदी ने कहा कि सुरक्षा बल भारत के प्रति दूसरों के बर्ताव को प्रभावित करेंगे।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ अपने पहले संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ण युद्ध शायद ही होंगे, लेकिन प्रतिरोध तथा दूसरों का बर्ताव प्रभावित करने के हथियार के तौर पर बल अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।
संघर्षों की अवधि छोटी होगी। खतरे ज्ञात हो सकते हैं, लेकिन शत्रु अदृश्य हो सकता है। प्रधानमंत्री का यह बयान हाल में पाकिस्तान की ओर से एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्षविराम उल्लंघन और लद्दाख में चीनी घुसपैठ की पृष्ठभूमि में अहम है।
मोदी ने कहा कि आर्थिक, राजनैतिक और सुरक्षा नीतियों को लेकर बदलता वैश्विक परिदृश्य हमें नई तैयारियों के लिए आगाह कर रहा है। वर्तमान से इतर, भविष्य की चुनौतियां ज्यादा मायने रखती हैं जहां हालात बड़ी आसानी से बदल सकते हैं, क्योंकि वहां टेक्नॉलजी अपना काम कर रही होगी।
हमें उम्मीद ही नहीं पूर्ण भरोसा करनी चाहिए किमोदी के नेतृत्व में देश बहुत आगे बढ़ेगा. सभी लोग ज्ञानवान, धनवान, और बुद्धिमान होंगे. सभी देश के प्रति समर्पित भाव से अपना काम करते हुए देश सेवा करेंगे.
मिला जुलाकर देखा जाय तो श्री मोदी विकास के प्रति उन्मुख हैं| विकास के लिए जरूरी है निर्माण और निर्माण में लगते है कारीगरों, श्रमिकों, मजदूरों के हाथ| इन्ही हाथों की बदौलत हम अपनी आवश्यकता और सुविधा के सामानों से लैश होते हैं. ये सभी सुख- सुविधाएँ मिलाती रहे इसके लिए जरूरी है श्रमिकों का सम्मान, उनके हितों की रक्षा और सरक्षण| श्रमिकों और उद्योगपतियों (मालिकों) के बीच रिश्ते भी मधुर होने चाहिए ताकि दोनों एक दूसरे के हितों का ख्याल रक्खें. इसी में हम सबका और देश भी भला है| हम सभी देश में निर्मित सामग्री ही खरीदें ताकि हमारे अपने देश के कारीगर खुशहाल हों इसी सन्देश के साथ सभी मित्रों/पाठकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! …
– जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर

4 thoughts on “श्रम एव जयते

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    सिआसत का मुझे इतना इल्म तो नहीं है लेकिन पहली दफा कोई शख्स आया है जिस ने सोये हुए लोगों को नींद से जगाया है . स्वश्ता अभियान नम्बर वन लगा . मालक मजदूरों की मज्बूरिआन समझने लग जाएँ तो हर घर में दिवाली ख़ुशी से मनाई जाने लगे . शुरुआत अच्छी हुई है .

    • जवाहर लाल सिंह

      जी आदरणीय गुरमेल सिंह जी, आप लन्दन में रहकर भी मोदी जी को महसूस कर रहे हैं ..यह मोदी जी की लोकप्रियता कही पैमाना है … मालिक मजदूर के बीच सम्बन्ध अच्छे होने चाहिए तभी तो एक दूसरे का भला होगा.

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत अच्छा लेख. मोदी जी की ये योजनायें आकार में छोटी और साधारण लगते हुए भी इनका गहरा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ेगा.

    • जवाहर लाल सिंह

      जी आदरणीय सिंघल साहब, मोदी जी की लोकप्रियता इसीलिये भी बढ़ रही है कि वे छोटे छोटे मुद्दे उठाकर ही आम लोगों के दिल जीत लेते हैं और दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होते जा रहे हैं… सादर!

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