गीतिका/ग़ज़ल

ख्याल

 

पेड़ भी रात भर सोचते होंगे
पत्ते मेरे बारे में बोलते होंगे

सितारे दूर आकाश से मुझे देखते हैं
रात के सन्नाटे मेरे साथ जागते होंगे

सरसराती हुई आती है ठंडी हवा
कोहरे मेरे छत पर टहलते होंगे

शबनम की बूँदो से नम हो जाता है आँगन
जाते जाते सपने पैरो के निशाँ छोड़ते होंगे

दरवाजे खिड़कियाँ पर्दे मेरे साथी है
पंखे मेरे ख्यालों के साथ घूमते होंगे

यह सोच कर की मुझसा कोई दूसरा भी है
चाँद के संग बादल मन मे मेरे झाँकते होंगे

किशोर कुमार खोरेंद्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

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