कविता

लौ

 

जीने के लिए तुम्हें याद करता हूँ
गम ए जाना से फर्याद करता हूँ

तन्हा ही जलता हैं अंधेरें में चराग़
तन्हाई में लौ सा तुमसे संवाद करता हूँ

सफ़ीना कोई एक डूबने को है
भव सागर से प्रतिवाद करता हूँ

उलझ गयी हैं तितलिया काँटों में
अंतरात्मा से वाद विवाद करता हूँ

खिलते है जब ह्रदय में अनुराग के कमल
शबनमी मौन का कविता में अनुवाद करता हूँ

किशोर कुमार खोरेंद्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

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