वुसअत ए मुहब्बत
चुभते हुऐ इंतज़ार के काँटों में गुलाब सा तुम खिले हो छिटकी हुई यादों की चाँदनी में माहताब सा
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Read Moreअध्याय-3: अक्ल का पुतला यादे माज़ी अज़ाब है या रब ! छीन ले मुझसे हाफिजा मेरा ।। जब मैं कक्षा
Read Moreभारतीय व विदेशी विद्वान स्वीकार करते हैं कि वेद संसार के पुस्तकालय की सबसे पुरानी पुस्तकें हैं। वेद चार है,
Read Moreवक्त से एक लम्हा चुराकर जब मैं सोचती हूँ तुम्हें विस्मृतियों के पार मुझसे होकर गुजरती है तुम्हारी हर याद
Read Moreआज की संतान बहुत सब्र की बहुत कमी है जवानी में कदम रखते ही उन्हें बुजुर्गो की तरह सत्ता चाहिए
Read Moreतन है कविता मन है कविता, लय सुर ताल का धन है कविता। रास है कविता रंग है कविता, जीने
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