हाइकू
पोथि पुराण अनुभव का ज्ञान मार्गदर्शक मन आंगन वचन संजीवन नव सृजन कोरा कागज कलम स्याही भरी सजता लेख
Read Moreजग छोटी छोटी माला लेकर नाम तुम्हारा रटता है क्षण क्षण ऐसे भक्तों का बस ऐसे ही माधव कटता है
Read Moreमैं रिक्त हूँ जैसे सूखा घड़ा और चरणों के समक्ष आ हुआ खड़ा मैं प्यासा जैसे धरती प्यासी और तुम
Read Moreमेरे ह्रदय की जमुना की धारा का तुम्हारे ह्रदय की पावन गंगा की धारा में हो जाए विलय जाते
Read Moreमहादान रखना था वचन का मान दिव्य उपहार कवच कुण्डल का कर्ण ने दे दिया दान| लोक हित का रखा
Read Moreहे द्रोही, मक्कार , तुम्हारी ऐसी-तैसी । भारत के गद्दार, तुम्हारी ऐसी-तैसी ॥ मोदी शेरे दिल है , भारत माता
Read More‘फेस बुक’ ने ही निकम्मा कर दिया , वरना हम भी ‘आदमी’ थे काम के ॥ अब तो इसमे डूबे
Read More“लोग झूठन ना छोड़ते तो हम इतने अच्छे और स्वादिष्ट भोजन का स्वाद कभी नहीं चख पाते |”, बरुआ ने
Read Moreशंका- जब मेक्समूलर आदि पश्चिमी विद्वानों के वेद भाष्य उपलब्ध थे तो स्वामी दयानंद द्वारा नवीन वेद भाष्य करने जैसा
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