गीतिका/ग़ज़ल श्रद्धा जैन 01/11/2014 ग़ज़ल ख़ुशी बेइंतहा जब भी कभी महसूस होती है तुम्हें भी आँख में तब क्या नमी महसूस होती है ? कभी फुरकत Read More