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एक सच्ची घटना

एक घटना किसी पत्रिका में पढ़ी थी शायद आप लोग भी पढ़े हों। यह घटना नहीं अपितु सच्चाई है।

कुछ दिन पहले कहीं तुफान आया था जिसमें बहुत जान माल का नुकसान हुआ था। इस तूफान के कारण बहुत सारे बच्चे अनाथ हो गये थें। कुछ लड़कियों को एक अनाथालय में व्यवस्था की गई थी संयोग से उस अनाथालय का अध्यक्ष वहाॅं का जिला अधिकारी था। लड़कियां जब विवाह योग्य हुईं तो अनाथालय के लोगों को चिन्ता हुई और जिला अधिकारी के साथ बैठकर विचार विमर्श किया गया। जिला अधिकारी के सुझाव पर क्षेत्र के गणमान्य लोगों की मीटिंग बुलाई गई जिसमें समाज सेवी संस्थाओं के साथ-साथ आर्य समाज के लोगों को भी बुलाया गया।

मीटिंग में जब जिला अधिकारी नें विषय रखा और आग्रह किया कि इन लड़कियों के शादी विवाह में आप लोग यथा सम्भव सहयोग करें। आर्य समाज के लोगों के साथ कई अन्य संगठनों के लोगों ने कहा कि जो हिन्दू लड़कियां हैं उन सबकी तो हम लोग चिन्ता करेंगें ओर योग्यतानुसार योग्य वर से विवाह करवायेंगे परन्तु मुस्लिम लड़कियों के लिये मुस्लिम समाज ही चिन्ता करे। जिला अधिकारी महोदय ने बाद में मुस्लिम समाज के अनेक लोगों को बुलवाया जिसमें कई मौलवी भी थे उनसे जब लड़िकियों की शादी आदि की बात की गई तो उन लोगों ने साफ मना कर दिया और कहा कि जिनके माॅ बाप का पता नहीं है उन लड़कियों से कौन शादी करेगा।

निराश होकर जिला अधिकारी महोदय ने लड़कियों से बात की तो उन लड़कियों ने कहा कि आप ही हमारे माता पिता हैं आप जैसा निर्णय करेंगे हम लोगों को स्वीकार है। पुनः आर्य समाज के लोगों को बुलाया गया उनसे जब वार्ता हुई तो उन लोगों ने कहा कि अगर लड़कियों को कोई एतराज नहीं है तो हम लोग इनके योग्य हिन्दू लड़कों से शादी करवा देगें। बाद में जब इस बात की खबर मुस्ल्मि समाज के लोगों को हुई तो उन लोगों ने जिला अधिकारी से मिलकर विरोध जताया। जिला अधिकारी ने उन लोगों से कहा कि यह हमारी समस्या नहीं है समस्या लड़कियों का है आप उन से बात कर लीजिये वे मान जाती हैं तो मैं हिन्दुओं को मना कर दूंगा।

जब मुस्लिम समाज के लोग उन लड़कियों से मिलने गये और समझाने का प्रयास किया तो उन लोगों ने साफ मना कर दिया और कहा कि जब आप लोग एक बार हमें अपनाने से मना कर दिये तो अव आपलोगों पर हम लोगों का विश्वास नहीं रह गया है। आप लोग जाइयें जो निर्णय हो गया है हम लोग उसी का पालन करेंगे। एक लड़की ने उन लोगों से मजाक करते हुये कहा कि क्या आप लोग यही चाहते हैं कि हम ऐसे लड़के से शादी करें जो 4-5 वीवियांॅ रखे और ढेर सारे बच्चे पैदा कर जब चाहे तलाक दे दे। हम लोगों ने तय कर लिया है कि हिन्दू लड़के से ही शादी करेंगे जो कम से कम एक ही विवाह कर जीवन भर साथ निभायेगा और ज्यादा बच्चे पैदा करने से भी फुरसत मिल जायेगी।

राजेन्द्र, लखनऊ

9452290598

2 thoughts on “एक सच्ची घटना

  • Man Mohan Kumar Arya

    सराहनीय एवं प्रसंशनीय। लेखक को बधाई। एक पति एक पत्नी तथा सीमित बच्चे जिनको माता पिता अच्छे संस्कार व शिक्षा दे सके ही सनातन सिद्धांत है और आज भी प्रासंगिक व हितकर है। ऐसा करके ही स्त्री वा पुरुष धर्म अर्थ काम वा मोक्ष की ओरे अग्रसर हो सकते हैं। पुररजन्म कोई कल्पना नहीं अपितु सत्य सिद्धांत है जो हमारे इस जन्म के कर्मो वा विचारों के अनुसार होगा।

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सही लिखा है आपने. यही सच्चाई है. अगर हिन्दू परिवार मुसलमान लड़कियों को अपनी बहु के रूप में स्वीकार करने लगें तो ८०% मुसलमान लड़कियां हिन्दू बनकर शादी करना पसंद करेंगी. महिलाओं को जितना सम्मान और अधिकार हिन्दू परिवारों में दिया जाता है, मुसलमान घरों में उसके पासंग बराबर भी नहीं दिया जाता. वहां वे केवल बच्चे पैदा करने की मशीन बनकर रह जाती हैं.

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