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सात समंदर पार, सात फेरों का फेर

ग्लोबलाइजेशन के दौर में विदेश जाकर पढ़ना और नौकरी करना पहले से ज्यादा आसान हो गया है। पिछले कुछ बरसों में विदेश जाकर नौकरी करने और वहीं बस जाने वाले भारतीयों की संख्या काफी बढ़ी है। शादी के मामले में ऐसे ज्यादातर लोगों की पसंद कोई हिंदुस्तानी लड़की ही होती है , जिसके पीछे वे ‘ इंडियन कल्चर ‘ का हवाला देते हैं। कितनी सही होती हैं ऐसी शादियां और क्या है उनके पीछे की हकीकत , एक्सपर्ट्स से बात करके बता रही हैं गुंजन शर्मा :

तान्या ( बदला हुआ नाम ) ने एक ब्रिटिश एनआरआई से शादी की। शादी के बाद पति और ससुरालवालों के साथ वह ब्रिटेन में रहने लगी। दो बच्चे हुए और फिर उसका पति और ससुराल वाले उसे परेशान करने लगे। किसी तरह बहला – फुसलाकर पति और ससुर तान्या को भारत ले आए , जबकि उसके दोनों बच्चे वहीं थे। यहां आते ही पति ने उसका पासपोर्ट जबर्दस्ती छीन लिया और बाप – बेटा वापस ब्रिटेन चले गए। वहां पहुंचकर तलाक और बच्चों की कस्टडी के लिए यूके की कोर्ट में केस दाखिल कर दिया। इस तरह धोखा खाने वाली तान्या अकेली नहीं है , एनआरआई दूल्हों के जाल में फंसने वाली लड़कियों की फेहरिस्त काफी लंबी है।

कौन होते हैं NRI

वह शख्स जो भारतीय नागरिक हो और नौकरी के लिए विदेश में रहता हो , एनआरआई कहलाता है। वह भारतीय नागरिक और भारतीय पासपोर्ट धारक होना चाहिए। वहां अगर पत्नी अपने पति पर आश्रित हो यानी नौकरी न करती हो , तो उसे भी एनआरआई ही माना जाएगा।

कौन होते हैं PIO

पीआईओ यानी पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन ऐसे शख्स को कहा जाता है , जो भारतीय मूल का हो , लेकिन उसका जन्म किसी दूसरे देश में हुआ हो , जो भारत का नागरिक न हो और उसकी कई पी़ढ़ियां विदेश में रही हों। जो लोग विदेश में जाकर वहां की नागरिकता ले लेते हैं , वे भी इसी कैटिगरी में आते हैं।

क्या है एनआरआई मैरिज

भारत में रह रही किसी भारतीय लड़की और विदेश में रहने वाले भारतीय लड़के ( चाहे वह किसी देश में एनआरआई के तौर पर रहता हो या उस देश के नागरिक के रूप में रहता हो ) के बीच हुई मैरिज को एनआरआई मैरिज कहा जाएगा।

क्यों है एनआरआई शादी का क्रेज

– अक्सर लड़कियां दोस्तों और सोसायटी के बीच खुद को बेहतर दिखाने के लिए और जल्दी अमीर होने के लिए एनआरआई लड़कों से शादी करना चाहती हैं। अपने ख्वाब पूरे करने के लिए किसी एनआरआई से शादी कर लेना उन्हें सबसे आसान तरीका लगता है।

– कई मामलों में परिवारवालों की मर्जी के तहत भी लड़कियां ऐसे फैसले ले लेती हैं।

क्या होती हैं समस्याएं

ऐसी शादियों के बाद लड़की अपने घर और देश से अलग होकर एक ऐसे देश में पहुंच जाती है , जहां के बारे में उसे कुछ पता नहीं होता। उसे वहां के पुलिस , लीगल सिस्टम , कल्चर और भाषा के बारे में जानकारी नहीं होती। पति या ससुरालवालों द्वारा परेशान किए जाने या किसी समस्या में फंस जाने पर वहां दोस्तों , परिवारवालों आदि के न होने के कारण हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं। ऐसे मामलों में ये समस्याएं हो सकती हैं :

– पति और परिवारवालों की ज्यादती।

– पत्नी को बेसहारा छोड़ देना।

– मारपीट , शारीरिक शोषण , उत्पीड़न और दहेज के लिए तंग करना।

– पासपोर्ट और दूसरे कानूनी कागजों को जब्त करना।

– बच्चे की कस्टडी आदि।

इस तरह हो सकती हैं समस्याएं

– शादी के बाद पत्नी को विदेश में अपने घर ले जाने से पहले ही हनीमून मना लिया जाता है। इसके बाद विदेश पहुंचते ही टिकट भेजकर पत्नी को बुलाने की बात कहकर पति वापस चला जाता है। वहां जाने के बाद न तो कोई संपर्क किया जाता है और न ही पति लौटकर आता है। कुछ मामलों में लड़की छोड़े जाने के समय प्रेग्नेंट होती है यानी एक तरह से लड़की और होने वाले बच्चे दोनों को पति द्वारा छोड़ दिया जाता है। अगर लड़के के घरवाले भारत में ही रहते हैं , तो वे या तो खुद को लाचार दिखा देते हैं या लड़की की मदद करने से मना कर देते हैं।

– लड़की को पति और उसके घरवालों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया जाता है। कई बार लड़की पर वापस भारत आने का दबाव बनाया जाता है या उसे जबर्दस्ती भेज दिया जाता है। अगर बच्चे हैं , तो ज्यादातर मामलों में उन्हें मां से छीन लिया जाता है।

– लड़की को खुश रखने के एवज में शादी से पहले या बाद में लड़की या उसके घरवालों से दहेज के रूप में मोटे पैसों की मांग की जाती है।

– कुछ मामलों में लड़का टिकट भेजकर लड़की को विदेश बुला लेता है , लेकिन वहां एयरपोर्ट पर उसे लेने कोई नहीं आता। समस्या तब आती है , जब बिना कानूनी मान्यता के वह उस देश में रह नहीं सकती और वापस आने के लिए उसके पास कोई मदद नहीं होती।

– कई बार ऐसा भी होता है जब पत्नी को विदेश पहुंचने पर पति की दूसरी शादी के बारे में पता चलता है। लड़के ने दूसरी शादी का फैसला या तो अपने घरवालों के दबाव में या उन्हें खुश करने के लिए लिया होता है। ऐसे में दूसरी पत्नी का इस्तेमाल घरेलू नौकरानी के रूप में किया जाता है।

– ज्यादातर मामलों में लड़की को विदेश पहुंचने पर पता चलता है कि उसके एनआरआई पति द्वारा दी गई नौकरी , सैलरी , प्रॉपर्टी आदि की जानकारियां गलत हैं।

– विदेशों में तलाक संबंधी कानून और कानूनी प्रक्रिया आसान होती है , जिसका फायदा उठाकर लड़की पर बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं और उसे तलाक दे दिया जाता है। ऐसा वे लड़की को जबर्दस्ती भारत भेजे जाने के बाद या उसके वहां रहते हुए भी कर सकते हैं।

– तलाक के बाद अगर लड़की भारत में रह रही हो तो अक्सर लड़के और उसके घरवाले यह कहते हुए उसे गुजारा भत्ता देने से इनकार कर देते हैं कि विदेश में कोर्ट के फैसले के तहत शादी टूट चुकी है।

– अगर लड़की गुजारे भत्ते या तलाक के लिए पति के खिलाफ भारतीय या विदेशी कोर्ट में अपील करना चाहे , तो कानूनी जानकारी न होने के कारण उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

– अगर विदेश में ही शादी की गई हो और तलाक दिया गया हो , तो ऐसे मामलों में भारतीय कानून के पास इंसाफ करने का अधिकार – क्षेत्र सीमित हो जाता है।

शादी का फैसला लेने से पहले चेक करें

किसी भी एनआरआई के साथ शादी करने से पहले लड़के और उसके परिवार के बारे में छानबीन कर पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। लड़के और उसके परिवार की विश्वसनीयता का पता लगाने के लिए इन बातों को जांचें :

– पता करें कि लड़का पहले से शादीशुदा या तलाकशुदा तो नहीं है। यह भी देखें कि कहीं वह बिना तलाक के ही पत्नी से अलग न रह रहा हो।

– उसकी शैक्षणिक योग्यता , किस कंपनी में कौन – सी पोस्ट पर है , सैलरी डिटेल्स , ऑफिस का पता और अगर अपना बिजनेस है तो उसकी जानकारी लें।

– वीजा से संबंधित पूरी जानकारी और उससे जुड़े कागजों के बारे में पता करें।

– पता करें कि उसके पास कौन – से टाइप का वीजा है और क्या वह शादी के बाद पत्नी को अपने साथ विदेश ले जाने के लिए योग्य है।

– भारत और जिस देश में वह रहता हो , दोनों जगह उसकी प्रॉपर्टी के बारे में पूछने के साथ यह भी देखें की उस पर किसी तरह का कर्ज आदि तो नहीं है।

– भारत और विदेश में रहने वाले उसके पारिवारिक सदस्यों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें। यह भी पूछें कि शादी के बाद वह पत्नी को जॉइंट फैमिली में रखेगा या न्यूक्लियर फैमिली में। भारत और विदेश में उसके रेजिडेंशल अड्रेस के बारे में सही से पता करें।

– देखें कि दोनों में से किसी भी देश में उसका पहले कोई क्रिमिनल रेकॉर्ड तो नहीं रहा।

– शादी से पहले लड़के के इन डॉक्युमेंट्स को करें चेक : वीजा , पासपोर्ट , वोटर और एलियन रजिस्ट्रेशन कार्ड ( अमेरिका के स्थायी निवासियों को दिया जाता है। यह वहां के नागरिक नहीं होते। इन्हें अमेरिका में स्थायी तौर पर रहने और नौकरी करने की इजाजत होती है। ), सोशल सिक्युरिटी नंबर ( अमेरिका में वहां के नागरिक , स्थायी और अस्थायी निवासियों को उनके टैक्स के ब्यौरे पर नजर रखने के लिए दिया जाता है। ), पिछले तीन सालों के टैक्स रिटर्न , बैंक और प्रॉपर्टी के कागजात।

क्या न करें

– जल्दबाजी या किसी के दबाव में शादी का फैसला न लें।

– लड़के और उसकी फैमिली से मिले बिना , सिर्फ फोन पर बात करके और ई – मेल्स के आधार पर शादी तय न करें।

– शादी किसी मैरिज ब्यूरो , एजेंट या बिचौलिए की मार्फत तय न करें। अगर यह सब आपके जानने वाले भी हों , तो भी बिना छानबीन किए उन पर जरूरत से ज्यादा यकीन न करें।

– अखबारों या मैट्रिमनियल साइट्स पर दिए लुभावने विज्ञापनों के जाल में न फंसें।

– शादी को गुप्त तरीके से न करें। रिश्तेदारों और दोस्तों को भी इसके बारे में जरूर बताएं। कई बार दोस्त और रिश्तेदार कुछ ऐसी बातें पता करने में मदद कर सकते हैं , जो आपसे छुपाई गई हों और जिन्हें आप कहीं और से पता न लगा पाएं।

– विदेश में शादी के लिए राजी न हों। शादी भारत में ही कराएं।

– विदेश जाने के लिए किसी के दबाव , लालच या बहकावे में आकर नकली या गलत तरीके से डॉक्युमेंट्स आदि न बनवाएं।

करवा सकते हैं जासूसी

– कुछ लोग एनआरआई लड़के और उसके घरवालों की प्रामाणिकता जांचने के लिए डिटेक्टिव की मदद भी लेते हैं।

– लड़के और घरवालों के बारे में तमाम बातें पता लगाने के लिए प्री – मैरिटल ( शादी से पहले ) और पोस्ट – मैरिटल ( शादी के बाद ) दोनों तरह की ही जासूसी करा सकते हैं।

– प्री – मैरिटल में भारत या विदेश में लड़के और उसके परिवार के बारे में जानने की कोशिश की जाती है। यह भी पता लगाया जाता है कि उनकी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री तो नहीं रही। लड़का बेरोजगार हो और शादी के बाद जल्द ही कोई बड़ा बिजनेस शुरू करने की बात कहे तो उसकी हकीकत का पता लगाने के लिए कॉरपोरेट इनवेस्टिगेशन भी कराई जा सकती है।

– पोस्ट मैरिटल जासूसी में लड़के की जॉब प्रोफाइल आदि के बारे में पता लगाने के लिए लड़कीवाले डिटेक्टिव एजेंसी का सहारा लेते हैं। हालांकि दोनों ही मामलों में यह पता लगाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है कि लड़के का कहीं और अफेयर न चल रहा हो।

शादी का फैसला लेने के बाद

लड़के की पूरी जानकारी लेने के बाद अगर आपने शादी का फैसला कर लिया है तो इन बातों पर गौर करें :

– शादी से पहले लड़की को उस देश के कानून और अधिकारों के बारे में बताएं। खासकर ऐसे कानूनों और अधिकारों के बारे में जो उसे उसके साथ की जाने वाली किसी भी तरह की घरेलू हिंसा से बचा सकें।

– रीति – रिवाजों के साथ हुई शादी का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। कोई परेशानी होने पर रजिस्ट्रेशन के कागज और शादी के फोटो सबूत के तौर पर काम आते हैं।

शादी के बाद

– अगर तलाक देने या छोड़ देने का दबाव बनाकर आपसे पैसों या किसी और चीज की मांग की जाए तो दबाव में आकर कोई भी फैसला न करें।

– अपने देश में हों या विदेश में पति या ससुराल वालों द्वारा मानसिक , शारीरिक या भावनात्मक रूप से प्रताडि़त किए जाने पर चुप न रहें बल्कि ऐसे विषयों से जुड़े मामलों को देखने वाली संस्थाओं से संपर्क करें।

– अगर आपका पति वहां के कोर्ट में तलाक आदि का केस फाइल करें तो जरूरी नहीं हैं कि आप भी जवाब में वहां के कोर्ट जाएं। आप पर उस देश के कोर्ट में ही केस लड़ने के लिए भी दबाव नहीं डाला जा सकता। भारत आकर उसके खिलाफ केस दाखिल कर सकती हैं क्योंकि विदेशों के मुकाबले भारत के कानून महिलाओं के ज्यादा अनुकूल हैं।

– अगर लड़की की जानकारी के बगैर पति विदेश में उसे तलाक दे देता है तो चिंता न करें। वह भारत में मान्य नहीं होता। ऐसे मामलों की भारत में मान्यता तभी होगी , जबकि लड़की भी संबंधित विदेशी कोर्ट में चल रहे केस में शामिल रही हो।

– लड़की को पति या उसके घरवालों पर बिना किसी सबूत के झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए। ऐसे में वे लड़की के ऊपर मानहानि का दावा कर सकते हैं। पुलिस , वकील , सोशल वर्कर और कोर्ट आदि के सामने पुख्ता सबूतों के साथ अपनी बात रखें।

– बदले की भावना में कानून को अपने हाथ में न लें। पति और ससुरालवालों के साथ मामला सही करने के लिए किसी भी तरह की हिंसा या गैर – कानूनी तरीके का सहारा न लें। शादी में किसी भी तरह की परेशानी होने पर सरकारी अथॉरिटी की मदद लें। कभी – भी झूठी या बेबुनियाद शिकायत न करें।

– अगर लड़की के साथ शारीरिक , सेक्सुअल या भावनात्मक हिंसा की जाए तो उसे वहां मौजूद अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार को इस बारे में बताना चाहिए।

– घर के नजदीकी बैंक में लड़की को अपने नाम से बैंक अकाउंट जरूर खुलवाना चाहिए। कोई भी परेशानी आने पर वह उसका इस्तेमाल कर सकेंगी।

– वहां अपने पड़ोसियों , दोस्तों , रिश्तेदारों , पति के साथ ऑफिस में काम करने वाले कलीग्स , पुलिस , ऐंबुलेंस , इंडियन एम्बेसी या हाई कमिशन के कॉन्टैक्ट डिटेल्स जैसे फोन नंबर आदि अपने पास जरूर रखें।

– जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे पासपोर्ट , वीजा , बैंक और प्रॉपर्टी के कागज , मैरिज सर्टिफिकेट्स भारत या उस देश में मौजूद अपने नजदीकी दोस्तों के फोन नंबर आदि की एक फोटोकॉपी अपने पास और एक कॉपी भारत में मौजूद अपने घर में जरूर छोड़ें। ओरिजनल कॉपी खो जाने , पति या ससुरालवालों द्वारा छीन लिए जाने पर ये कागजात लड़की के पास सबूत के तौर पर मौजूद रहेंगे।

– पति की पर्सनल डिटेल्स वाले डॉक्युमेंट्स जैसे पासपोर्ट , वीजा , प्रॉपर्टी डिटेल्स , लाइसेंस नंबर , सोशल सिक्युरिटी नंबर और वोटर आईडी आदि की फोटोकॉपी भी लड़की को अपने पास रखनी चाहिए।

– शादी होने से पहले और शादी हो जाने के बाद भी अगर लड़की भारत में रह रही है और उसका पति विदेश में है तो फोन या ई-मेल के जरिए लड़की को उसके संपर्क में रहना चाहिए। अगर उस देश में मौजूद पति के दोस्तों और रिश्तेदारों को जानती है, तो उसे उनसे भी बात करते रहना चाहिए। अगर वह बात करने पर सही रेस्पॉन्स न दे तो अलर्ट हो जाएं।

जब बात बिगड़ जाए

1. तलाक

– प्रताड़ना ( शारीरिक , मानसिक या सेक्सुअल आदि ), धोखा देने ( अगर झूठ के आधार पर शादी की गई हो ) को आधार बनाते हुए महिला स्पेशल मैरिज ऐक्ट 1954, हिंदू मैरिज ऐक्ट , 1955, पारसी मैरिज ऐंड डिवोर्स ऐक्ट 1936, इंडियन डिवोर्स ऐक्ट 1869, शरियत ऐक्ट 1937 आदि के तहत तलाक का केस फाइल कर सकती हैं।

– इन सभी ऐक्ट के साथ – साथ पीडि़त महिला भारत में अपने और अगर बच्चे भी हैं तो दोनों के लिए मेंटेनेंस केस फाइल कर सकती है।

– अगर किसी महिला को कोर्ट से गुजारा भत्ता देने का फाइनल ऑर्डर मिल जाता है और फिर भी उसे भत्ता नहीं दिया जाता , तो वह पति के खिलाफ अदालत जा सकती है और उसकी प्रॉपर्टी से भत्ता वसूली के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है।

2. विदेश में यहां से लें मदद

– इंडियन एंबेसी

– राष्ट्रीय महिला आयोग की साइट ncw.nic.in पर जाकर एनआरआई सेल में ऑनलाइन कंप्लेंट कर सकती हैं।

– वहां रहने वाले भारतीयों द्वारा बनाई गई लोकल इंडियन असोसिएशन।

3. भारत में यहां से लें मदद

2009 में राष्ट्रीय महिला आयोग के तहत एनआरआई सेल बनाया गया था। यह भारत और विदेशों में एनआरआई शादियों से जुड़े मामलों को देखने वाली एजेंसी हैं। 31 दिसंबर 2010 तक यहां एनआरआई शादियों से जुड़े लगभग 515 मामले रजिस्टर कराए जा चुके हैं। एनआरआई सेल में इस पते पर शिकायत की जा सकती है : एनआरआई सेल , नैशनल कमिशन फॉर वुमन , 4, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग , नई दिल्ली -110002, फोन नंबर : 011-2323 4918, फैक्स : 011-2323 6988, ई – मेल : nricell-ncw@nic.in

4. मदद का तरीका

– एनआरआई सेल में लेटर लिखकर , खुद जाकर या ई – मेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पता है

– कंप्लेंट रजिस्टर और वेरिफाई होने के बाद यहां से काउंसलिंग और सलाह ले सकते हैं।

– पति के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्यवाही करना चाहती हैं , तो आपके केस के अनुसार कानूनी सलाह भी दी जाती है।

– सेल जरूरत के अनुसार केस को आपके घर के नजदीकी एनजीओ आदि के पास भी भेजता हैं जो आपकी जरूरत के तहत मदद करते हैं।

– सेल ‘ मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज इंडियन अफेयर्स ‘ की मदद से विदेश स्थित इंडियन एम्बेसी के साथ मिलकर संबधित देश में पीडि़त महिला की मदद करता है।

एनआरआई सेल में आई शिकायतें ( सितंबर 2009-31 दिसंबर 2010) : स्त्रोत : ( राष्ट्रीय महिला आयोग )

शिकायतें

दिल्ली 68

भारत 416

उत्तर प्रदेश 42

अमेरिका 15

हरियाणा 36

ऑस्ट्रेलिया 11

पंजाब 27

यूके 08

अनुपमा श्रीवास्तव 'अनुश्री'

परिचय नाम- अनुपमा श्रीवास्तव (अनुश्री) जन्मतिथि- 28 अगस्त शिक्षा- एम.एस.सी., एल.एल.बी. साहित्यिक अभिरूचियाॅं- कविता, कहानी, लेख, क्षणिकाऐं प्रकाशन - देश - देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविताओं का निरंतर प्रकाशन। विदेश- mauritius से प्रकाशित हिन्दी स्पीकिंग संगठन द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘सुमन’ और महात्मा गाॅंधी संगठन से प्रकाशित पत्रिकाएॅं ‘बसंत’ और रिमझिम’ में कविताओं और कहानी का प्रकाशन। - इन्टरनेट पर साहित्यिक गतिविधियाॅं - - अखिल भारतीय बुंदेलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद म.प्र. भोपाल - म.प्र. राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन भोपाल (म.प्र.) - अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल (म.प्र.) - बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल (म.प्र.) प्रकाषन - बाल काव्य संग्रह ‘अवि, तुम्हारे लिए (2013) ‘काव्य पुस्तक’ प्रकाषनाधीन प्रसारण -‘आकाशवाणी भोपाल से कविताओं टॉक शो का प्रसारण नारी शक्ति कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन ‘दूरदर्शन ;मध्यप्रदेश’ द्वारा साहित्य समय ,परिवार ,काव्यांजलि ,कार्यक्रमों में कविताओं ,टॉक शो का प्रसारण एवं संचालन सम्मान - प्रोत्साहन सम्मान -2013 रंजन कलष भोपाल,द्वारा - साहित्यकार सम्मान 2013-कादबिनी पुस्तक मेला एंव नेषनल बुक ट्रस्ट,नई दिल्ली द्वारा - ‘अक्षर षिल्पी सम्मान 2013’( संस्कार सारथी ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा) - म.प्र. लेखिका संघ द्वारा बाल काव्य संग्रह ‘अवि, तुम्हारे लिए’ हेतु सम्मान - सार्वदेषिक कायस्थ महासभा, भोपाल द्वारा साहित्यकार सम्मान - जे एम डी प्रकाशन, नई दिल्ली, द्वारा ‘हिंदी सेवी सम्मान ’ 2014 - ‘राष्ट्रीय संचालन एवं संभाषण अलंकरण’ 2014, द्वारा निर्दलीय प्रकाशन ,दिल्ली अन्य गतिविधियाॅ - मंचसंचालन ( बिभिन्न साहित्यिक,सांस्कृतिक ,सरकारी शैक्षिक कार्यक्रमों का मंच संचालन) स्क्रिप्ट लेखन, गायन, संपादन अनुभव - उपसंपादन - ओजस्वनी अंतराष्ट्रीय पत्रिका सचिव - महिला महासंघ, म.प्र. भोपाल पता- अनुपमा श्रीवास्तव, अनुश्री ई-मेल - anupama.teeluckshri@yahoo.com

4 thoughts on “सात समंदर पार, सात फेरों का फेर

  • महेश कुमार माटा

    ज्ञान वर्धक ओर अत्यंत जुझारू विचार दिया गया है. जो भी जानकारी दी गयी है बिलकुल सत्य है और यदि प्रति व्यक्ति इस बात का अहसास कर ले तो बहुत हद तक सही निर्णय लेने में सक्षम हो सकेंगे.

    • अनुपमा श्रीवास्तव 'अनुश्री'

      thax mahesh ji

  • विजय कुमार सिंघल

    उपयोगी लेख.

    • अनुपमा श्रीवास्तव 'अनुश्री'

      shukriya

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