गीतिका/ग़ज़ल

सपनों में…..

 

सपनों में अख़बार के गमगीन पन्ने फड़फड़ाते रहे
ख्वाब में रक्त से सने वो मरहूम बच्चे आते रहे

सज़ा ए मौत भी कम है उन सभी दरिंदों के लिए
सख़्त दीवारों में एक एक कर हम उन्हें चुनवाते रहे

अंधेरे में चिता की उँची उँची लपटें दिखाई देती रहीं
बदला ले के रहेंगे उनसे बस हम यही कस्में खाते रहे

पृथ्वी से चाँद और मंगल तक पहुँच गये हम सभी
फसिला अपनों के बीच बढ़ाने की रस्मे निभाते रहे

कब तक भागते रहेंगे नापाक परछाईयों से हम
आईनों के कटघरों में खड़े धर्म के बन्दे पाते रहे

किशोर कुमार खोरेंद्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.