कविता

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ

करो न भूल
आगंतुक बरस
टूटे न फूल ।

नवीन मन्त्र
नूतन वर्ष यंत्र
सौहार्द तंत्र ।

दीन है दुखी
आया नया है साल
रोटी तो रुखी ।

नूतन वर्ष
सुख दुःख की पाती
विगत वर्ष ।

गुज़रा वर्ष
छोड़ गया है पीछे
दुःख व हर्ष ।

प्रणय व्योम
स्वागत नववर्ष
बरसा सोम ।

गम न कर
गुजरा बीता साल
आएगी ख़ुशी ।

सब्र तो रख
ले आएगा खुशियाँ
नूतन वर्ष ।

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गुंजन अग्रवाल

नाम- गुंजन अग्रवाल साहित्यिक नाम - "अनहद" शिक्षा- बीएससी, एम.ए.(हिंदी) सचिव - महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई संपादक - 'कालसाक्षी ' वेबपत्र पोर्टल विशेष - विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व साझा संकलनों में रचनाएं प्रकाशित ------ विस्तृत हूँ मैं नभ के जैसी, नभ को छूना पर बाकी है। काव्यसाधना की मैं प्यासी, काव्य कलम मेरी साकी है। मैं उड़ेल दूँ भाव सभी अरु, काव्य पियाला छलका जाऊँ। पीते पीते होश न खोना, सत्य अगर मैं दिखला पाऊँ। छ्न्द बहर अरकान सभी ये, रखती हूँ अपने तरकश में। किन्तु नही मैं रह पाती हूँ, सृजन करे कुछ अपने वश में। शब्द साधना कर लेखन में, बात हृदय की कह जाती हूँ। काव्य सहोदर काव्य मित्र है, अतः कवित्त दोहराती हूँ। ...... *अनहद गुंजन*

One thought on “नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत सुन्दर .

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