कविता

तुम्हारी एक इंच मीठी मुस्कान

 

इस जीवन में
आते आते कितने आ गए हम तुम पास
कभी कभी लगता है
बेतरतीब सी मेरी चाहत की घाटियों ने
छू लिया हो तुम्हारे सतरंगी आँचल सा आकाश
ज्ञात नहीं ..जन्म से पूर्व हम दोनों कहाँ करते थे निवास
और
होगी भी या नहीं तुमसे मृत्यु के पश्चात
मेरी मुलाक़ात
लेकिन वर्तमान की गहन ख़ामोशी में
सुनता हूँ मैं तुम्हारी ही मधुर आवाज


मेरी आँखों के नमकीन जल में
फ़ैल जाती है
तुम्हारी एक इंच मीठी मुस्कान
ठगा सा रह जाता हूँ
मैं तुम्हारी तस्वीर को निहारता हुआ
मानों अभी अभी हुई हो
तुमसे मेरी प्रगाढ जान पहचान
नयी सी लगती हो हर बार
जब तुम करती हो साँझ सा श्रृंगार
मेरे हर खाली क्षणों
को तुम अमृत से भर जाती हो
प्यार का देकर मधूर अहसास
इस जीवन में
आते आते कितने आ गए हम तुम पास
kishor   kumar khorendr 

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.