कविता

राष्ट्र वंदना

भारत माता की वंदना करने के लिए यह गीत मैंने कई वर्ष पहले लिखा था. इसे पहली बार प्रकाशित कर रहा हूँ. यह गीत हमारे ‘जन गण मन’ का स्थान भी लेकर राष्ट्र गान बन सकता है.

स्पष्ट कर दूँ कि इसमें ‘नमो नमो’ शब्दों का मोदी जी से कोई सम्बन्ध नहीं है और यह केवल मातृभूमि की वंदना में लिखे गए शब्द हैं, क्योंकि यह गीत जब लिखा गया था तब मोदी जी का कोई नाम भी नहीं जानता था.

हे सिंहवाहिनी प्राणदायिनी भारत माता नमो नमो
जननि वत्सला सुजला सुफला रत्न प्रसूता नमो नमो

गुर्जर अवध पंचनद उत्कल बंग मेघ अरुणाचल
तमिल आंध्र ब्रज असम मराठा सब आसेतु हिमाचल
गंग सिंधु कावेरी
यमुना झेलम तेरी
केरल नाग विदर्भ विंध्य शोभित मणिमाला नमो नमो
हे सिंहवाहिनी प्राणदायिनी भारत माता नमो नमो

आर्य अनार्य सब जाति-पंथ-मत गिरिवासी-वनवासी
तेरे सम्मुख श्रद्धा से नत हम सब भारतवासी
जन जन तेरा रक्षक
बना हुआ रिपुभक्षक
कण कण इस धरती का गाये तव जयगाथा नमो नमो
हे सिंहवाहिनी प्राणदायिनी भारत माता नमो नमो

विजय कुमार सिंघल

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com

6 thoughts on “राष्ट्र वंदना

  • प्रवीन मलिक

    बहुत ही सुन्दर .. देशप्रेम से ओत-प्रोत ..

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत सुन्दर रचना जिस में देश पियार झलकता है.

    • विजय कुमार सिंघल

      बहुत बहुत धन्यवाद, भाई साहब ! आजकल आत्म कथा पर आपकी टिप्पणियां नज़र नहीं आ रही हैं.

  • Man Mohan Kumar Arya

    सुन्दर, श्रेष्ठ वा प्रशंसनीय रचना। धन्यवाद।

    • विजय कुमार सिंघल

      हार्दिक आभार, मान्यवर !

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