उपन्यास अंश

उपन्यास : देवल देवी (कड़ी 23)

20. प्रीत की बेला

राजा कर्ण देव को अपने राज्य से भागे छः साल हो गए। अपने उद्योग और देवगिरी के युवराज शंकरदेव की सहायता से राजा ने मुस्लिम सेना को भगाकर, एक छोटे से राज्य बगलाना पर अधिकार कर लिया। अब वह वहीं से छुट-पुट रूप से मुस्लिम सेना पर प्रहार किया करता था।

गुर्जर राजकुमारी देवलदेवी को तेरहवां वर्ष लगा था। वह महल के पाश्र्व वाले उद्यान में एक हिंडोले में बैठी झूल रही थी। जब वह झूलने के लिए पृथ्वी को पैरों से मारकर दोनों पैरों को एक साथ में एक कोण तक उठाती तो उस समय उसके बालों की लटें उसके नितंब प्रदेश को स्पर्श करती। उसके उन्मुक्त युगल यौवन चोली से ऐसे बाँधे गए थे जैसे भागती हुई कामुक घोड़ी को कुशल घुड़सवार ने लगाम लगाकर खींच लिया हो। उसकी चोली की रेशमी डोरी उसकी पुष्ट देह में यूँ सख्ती से बाँधी गई थी कि वह उसकी देह में धँसी-धँसी जाती थी। वह सोलह श्रंगार और विभिन्न प्रकार के आभूषणों से सुसज्जित थी। इस समय वह ऐसी दिखती थी मानो लाखो रति उसके शरीर से प्रकट हो रही हों।

राजकुमारी ने पास खड़ी दासी से हँसकर कहा ”आखिर आपके युवराज कब मनाएँगे जालिपा माई के मंदिर में उत्सव। डेढ़-दो वर्ष से वह इधर आए ही नहीं। क्या पता वह किसी अन्य ओर तीर्थ पर चले गए हों, या फिर तुर्क सेना के प्रत्याक्रमण की तैयारी में व्यस्त हों।“

दासी चुपचाप हाथ बाँधे खड़ी रही।

राजकुमारी पुनः पैरों से पृथ्वी पर आघात करके हिंडोले में झूंक भरते हुए बोली ”तनिक यादव युवराज का वर्णन तो करो, बहुत दिन व्यतीत हुए कानों को उनकी बातों का रसपान किए हुए।“

दासी ने कहा ”अपने पिता की इच्छा के विरूद्ध अलाउद्दीन की सेना को भीषण टक्कर देने वाले देवगिरी के युवराज शंकरदेव इस समय समस्त दक्षिणपथ में अद्वितीय, बलशाली और कीर्तिमान पुरुष हैं। इस समय पृथ्वी पर इनका यश शरद्-ऋतु की चाक-चाँदनी सा फैल रहा है। वह असाधारण वीर्यवान और बलवान हैं। वह तेजवान, गुणवान और लज्जाशील हैं। पराक्रम में वह समुद्रगुप्त की तरह और दान-धर्म में अशोक की तरह हैं।“

सुधीर मौर्य

नाम - सुधीर मौर्य जन्म - ०१/११/१९७९, कानपुर माता - श्रीमती शकुंतला मौर्य पिता - स्व. श्री राम सेवक मौर्य पत्नी - श्रीमती शीलू मौर्य शिक्षा ------अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, इतिहास और दर्शन में स्नातक, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा. सम्प्रति------इंजिनियर, और स्वतंत्र लेखन. कृतियाँ------- 1) एक गली कानपुर की (उपन्यास) 2) अमलतास के फूल (उपन्यास) 3) संकटा प्रसाद के किस्से (व्यंग्य उपन्यास) 4) देवलदेवी (ऐतहासिक उपन्यास) 5) मन्नत का तारा (उपन्यास) 6) माई लास्ट अफ़ेयर (उपन्यास) 7) वर्जित (उपन्यास) 8) अरीबा (उपन्यास) 9) स्वीट सिकस्टीन (उपन्यास) 10) पहला शूद्र (पौराणिक उपन्यास) 11) बलि का राज आये (पौराणिक उपन्यास) 12) रावण वध के बाद (पौराणिक उपन्यास) 13) मणिकपाला महासम्मत (आदिकालीन उपन्यास) 14) हम्मीर हठ (ऐतिहासिक उपन्यास ) 15) अधूरे पंख (कहानी संग्रह) 16) कर्ज और अन्य कहानियां (कहानी संग्रह) 17) ऐंजल जिया (कहानी संग्रह) 18) एक बेबाक लडकी (कहानी संग्रह) 19) हो न हो (काव्य संग्रह) 20) पाकिस्तान ट्रबुल्ड माईनरटीज (लेखिका - वींगस, सम्पादन - सुधीर मौर्य) पत्र-पत्रिकायों में प्रकाशन - खुबसूरत अंदाज़, अभिनव प्रयास, सोच विचार, युग्वंशिका, कादम्बनी, बुद्ध्भूमि, अविराम,लोकसत्य, गांडीव, उत्कर्ष मेल, अविराम, जनहित इंडिया, शिवम्, अखिल विश्व पत्रिका, रुबरु दुनिया, विश्वगाथा, सत्य दर्शन, डिफेंडर, झेलम एक्सप्रेस, जय विजय, परिंदे, मृग मरीचिका, प्राची, मुक्ता, शोध दिशा, गृहशोभा आदि में. पुरस्कार - कहानी 'एक बेबाक लड़की की कहानी' के लिए प्रतिलिपि २०१६ कथा उत्सव सम्मान। संपर्क----------------ग्राम और पोस्ट-गंज जलालाबाद, जनपद-उन्नाव, पिन-२०९८६९, उत्तर प्रदेश ईमेल ---------------sudheermaurya1979@rediffmail.com blog --------------http://sudheer-maurya.blogspot.com 09619483963