लेखहास्य व्यंग्य

विरोध जारी रखें

विरोध करना अच्छी बात है। बहुत ही अच्छी बात। विशेषकर क्रान्तिकारी टाइप के लोगों के लिए ये विशेष रूप से गुणकारी है। और शायद ये क्रान्तिकारी लोगों को पता भी है इसीलिए ये दिन-रात विरोध करने में जुटे रहते हैं। मौका मिला नहीं कि टूट पड़ते हैं और कई बार तो ये मौका पैदा भी करते रहते हैं।

ये अच्छी बात है कि आप बुद्धिमान, ज्ञानी एवं बुद्धिजीवी हैं। आप चीजों का विश्लेषण कर सकते हैं। परन्तु आपका ज्ञान एवं विश्लेषण करने की क्षमता का प्रयोग कहाँ हो रहा है यह ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। आजकल एक अच्छा रिवाज है कि आप अपने ज्ञान को प्रदर्शित करने लिए किसी का विरोध करना प्रारम्भ कर दीजिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका विरोध सही है या गलत। बस आपको अति की स्थिति तक विरोध करने आना चाहिए और विरोध करते समय आप अपने कार्यों को विश्लेषण ना करने की आदत होनी चाहिए। शायद ये अच्छा तरीका भी है लोगों के नज़रों में बने रहने का। कई बार पारितोषिक भी मिलता है। जी चाहे तो हर बड़े चर्चित नाम के इतिहास को देख लें। अतः विरोध करने की परम्परा बनाए रखें चाहे भले ही वो आपका मजाक उड़ाए।

विशेष:- कृपया आप इसे ओबामा के भारत यात्रा या मोदी से ना जोड़कर देखें।

धन्यवाद

© राजीव उपाध्याय

राजीव उपाध्याय

नाम: राजीव उपाध्याय जन्म: 29 जून 1985 जन्म स्थान: बाराबाँध, बलिया, उत्तर प्रदेश पिता: श्री प्रभुनाथ उपाध्याय माता: स्व. मैनावती देवी शिक्षा: एम बी ए, पी एच डी (अध्ययनरत) लेखन: साहित्य एवं अर्थशास्त्र संपर्कसूत्र: rajeevupadhyay@live.in

2 thoughts on “विरोध जारी रखें

  • विजय कुमार सिंघल

    सही बात कही है आपने. केवल विरोध के लिए विरोध करना अपनी मूर्खता को प्रदर्शित करना है. जिन बातों में वास्तव में बुराई है, उसी का विरोध करना चाहिए.

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