लक्ष्मण के कार्टूनों में मफलर की कमी थी !
जी आज एक आम आदमी मफलर पहनने तक की औकात हासिल कर चूका है और यह मफलर किसी को उसके
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Read Moreभला है बुरा है, है अपनी जगह मेरा फ़ैसला है, है अपनी जगह ज़माना भले बेवफ़ा हो मगर अभी भी
Read Moreभोर आलोक वसंत नव जीवन स्पन्दन मुक्त प्राण तमस विहग राग अनुराग हल्की मधुर बयार अतीत में दबी स्मृतियाँ आलिंगन
Read Moreसभी को …. भाने लगा यह मौसम बहने लगा शीतल पवन मनमोहक हुआ सम्पूर्ण वातावरण बसंत ऋतु का … जब हुआ
Read Moreहम संसार में अनेक धर्मों को देखते हैं। वस्तुतः यह सब धर्म न होकर मत, मतान्तर, पन्थ, सम्प्रदाय, रिलीजियन या
Read Moreबोलते हैं जिंदगी के कुछ पन्ने ….. कुछ इस तरह …. जिंदगी की किताब के कुछ पुराने पन्ने पढ़कर हमेशा
Read Moreपुरुषार्थ की परिभाषा जो अप्राप्त वस्तु की इच्छा करनी, प्राप्त का अच्छे प्रकार रक्षण करना, रक्षित को बढ़ाना और बढ़े
Read Moreअचानक एक मोड़ पर, अगर हम मिले तो, क्या मैं, तुमसे; तुम्हारा हाल पूछ सकता हूँ; तुम नाराज़ तो
Read Moreकभी तेरे सवाल तो, कभी तेरे जवाब आये कभी तेरे ख्याल तो ,कभी तेरे ख़्वाब आये चाहा तैरकर नदियां
Read Moreतब किसी अध्यापक की पत्नी ने या शायद कुलपति की बेटी ने दिल्ली दरबार में फरियाद की। मुझे अच्छी तरह
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