सामाजिक

प्यार क्या है ?

आज प्यार के ही बारे में जानने की जरूरत है प्यार आखिर होता क्या है? कहते हैं कि प्यार बहुत ही खूबसूरत एहसास है।खूबसूरत इसलिए कि आप लोग लेना नहीं सिर्फ देना सीखते हैं।हम जिससे सच्चा प्यार करते है उसके जीवन में हमेशा खुशियाँ देखना चाहते हैं चाहे वह अपना बन पाए या नहीं दर असल यह प्यार ही होता है जिसमें दूसरों के लिए जीना सीखते हैं अगर प्यार का अहसास लोगों के दिलों में न होता,तो ये दुनिया ही अलग तरह की होती।
प्यार क्या नहीं है,यह बताना तो सुविधा जनक है लेकिन प्यार क्या है यह बताना जरा कठिन है बहुत पहले लोग प्यार के एहसास को जानने और जानकारी देने में लगे हैं लेकिन आजतक कोई जान नहीं पाया।सच्चाई तो यह है कि प्यार एक भावना है प्यार करने वालों के लिए अलग-अलग हो सकती है ।यह एक ऐसा एहसास है इसे लोग अलग अलग तरह से महसूस करते है लेकिन सच्चाई तो यह है -प्यार का जुनुन जिन्दगी को बहुत खूबसूरत बना देता है।
कभी -कभी ऐसा भी होता है कोई इन्सान हमें पहली नजर में ही अच्छा लगने लगता है लोग इसे पहली नजर का प्यार कहते है ।ये सिर्फ आकर्षण शिवाय कुछ नहीं होता। खुद ही सोच कर देखिए कि आप जिसके बारे में कुछ भी नहीं जानते है उससे कैसे प्यार हो सकता है यह मानना उचित है कि आकर्षण को प्यार की पहली सिढी मानी जा सकती है लेकिन प्यार नहीं।
आकर्षण और प्यार में बहुत बड़ा अन्तर होता है आकर्षण में वह लगाव नहीं होता जो प्यार में महसूस करते हैं प्यार के लिए एक दूसरे को जानना पड़ता है यह नहीं किसी को देखा और लग गया प्यार का ढिढोरा पिटने।
आकर्षण में हम एक दूसरे के। सौंदर्य में अपनी सौंदर्यता देखने की कोशिश करते हैं।मगर प्यार में गुणों के कारण उसे पसन्द करते हैं। हम किसी से इसलिए प्यार नहीं करते कि वह सुंदर है हम उससे प्यार करते है इसलिए कि वह हमें सुंदर लगता है।इसमें घमंड के लिए कोई जगह नहीं होती।
प्यार एक ऐसा बन्धन होता है सहमत न होते हुए भी एक दूसरे के साथ रहते हैं। छोटी -छोटी बातों में भी एक दूसरे के लिए खुशी ढुढते है यही मकसद बन जाता है यह हमारा जहां तक मानना है आप भी अपने अनुभव से और अपने एहसास से प्यार के बारे में कुछ कह सकते हैं लिख सकते है बता सकते हैं।
————–रमेश कुमार सिंह ♌
————–१३-०२-२०१५

रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'

जीवन वृत्त-: रमेश कुमार सिंह "रुद्र"  ✏पिता- श्री ज्ञानी सिंह, माता - श्रीमती सुघरा देवी।     पत्नि- पूनम देवी, पुत्र-पलक यादव एवं ईशान सिंह ✏वंश- यदुवंशी ✏जन्मतिथि- फरवरी 1985 ✏मुख्य पेशा - माध्यमिक शिक्षक ( हाईस्कूल बिहार सरकार वर्तमान में कार्यरत सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरैया चेनारी सासाराम रोहतास-821108) ✏शिक्षा- एम. ए. अर्थशास्त्र एवं हिन्दी, बी. एड. ✏ साहित्य सेवा- साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना।      सह सम्पादक "साहित्य धरोहर" अवध मगध साहित्य मंच (हिन्दी) राष्ट्रीय सचिव - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन मध्यप्रदेश,      प्रदेश प्रभारी(बिहार) - साहित्य सरोज पत्रिका एवं भारत भर के विभिन्न पत्रिकाओं, साहित्यक संस्थाओं में सदस्यता प्राप्त। प्रधानमंत्री - बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन इकाई सासाराम रोहतास ✏समाज सेवा - अध्यक्ष, शिक्षक न्याय मोर्चा संघ इकाई प्रखंड चेनारी जिला रोहतास सासाराम बिहार ✏गृहपता- ग्राम-कान्हपुर,पोस्ट- कर्मनाशा, थाना -दुर्गावती,जनपद-कैमूर पिन कोड-821105 ✏राज्य- बिहार ✏मोबाइल - 9572289410 /9955999098 ✏ मेल आई- rameshpunam76@gmail.com                  rameshpoonam95@gmail.com ✏लेखन मुख्य विधा- छन्दमुक्त एवं छन्दमय काव्य,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन। ✏प्रकाशित रचनाएँ- देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एवं  साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित। लगभग 600 रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं तथा 50 साझा संग्रहों एवं तमाम साहित्यिक वेब पर रचनाये प्रकाशित। ✏साहित्य में पहला कदम- वैसे 2002 से ही, पूर्णरूप से दिसम्बर 2014 से। ✏ प्राप्त सम्मान विवरण -: भारत के विभिन्न साहित्यिक / सामाजिक संस्थाओं से  125 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। ✏ रूचि -- पढाने केसाथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।कविता,कहानी,हिन्दी गद्य लेखन इत्यादि। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आदरणीय मित्र मेरे अन्य वेबसाईट एवं लिंक--- www.rameshpoonam.wordpress.com http://yadgarpal.blogspot.in http://akankshaye.blogspot.in http://gadypadysangam.blogspot.in http://shabdanagari.in/Website/nawaunkur/Index https://jayvijay.co/author/rameshkumarsing ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आपका सुझाव ,सलाह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

2 thoughts on “प्यार क्या है ?

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा लेख.

    • रमेश कुमार सिंह

      सब आपकी कृपा श्रीमान जी
      सादर आभार।

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