हाइकु/सेदोका

चन्द हाइकु

1 :~ सच बोलना

आईने से सीखिये

टूट कर भी

2:~घूरते नैंन

सृष्टी देवी व्यथित

छुपाये तन

3:~आत्मा जुगनूं

घट ज्योति कलस

रौशन जग ‘

4:~ अभ्यर्थना है

स्वीकृत हो प्रणय

सार्थक प्रण

5:~ टकरा कर

लौटती दबे पाँव

शांत लहर

6:~सिन्दूरी नभ

चूमता सागर को

क्षितिज साक्षी

7:~क्षितिज गोद

स्वर्णिम आभा फैली

खेलता सूर्य

8:~शून्य का जोड़

लील गया जीवन

अतृप्त मन

2 thoughts on “चन्द हाइकु

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    अतीव सुंदर हायकू

  • विजय कुमार सिंघल

    प्रत्येक हाइकु एक मन्त्र जैसा है. इसका प्रभाव भी रहस्यमय है.

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