कवितापद्य साहित्य

सिर्फ तुम्हीं हो!!

तुम्हीं हो सिर्फ तुम्हीं हो।
न जाने कब तक रहोगे।
हर यादों में हर वादों में।
हर पलो में हर लम्हों में।
तुम्हीं हो सिर्फ तुम्हीं हो।
अंधेरे में उजालों में।
हर ख्वाबों में हर सपनों में।
जब देखो तब तुम्हीं हो।
तुम्हीं हो सिर्फ़ तुम्हीं हो।
छोड़ न जाना मुझे कभी।
नहीं तो तन्हां हो जाऊँगी।
तेरे बगैर हमारी।
जिन्दगी बिखर जायेगी।
तुम्हीं हो सिर्फ तुम्हीं हो।
हर साँसों में बस तुम्हीं हो।
——निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

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