गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : सच कहती हूँ !

 

साथ तुम्हारा करता है मग़रूर मुझे
दिल से अपने अब मत करना दूर मुझे

बाबुल तेरी उँगली थामे घूम फिरी
तब लगती थी ये दुनिया मश्कूर मुझे

माँ तेरी जाई के पंखों में दम है,
सच कहती हूँ ! क्यों समझा मजबूर मुझे

घर तेरा और माँ-बाबू जी हैं मेरे
कर लो ये बँटवारा है मंज़ूर मुझे

सपने तोड़े, पाँव बेड़ियाँ, रस्ते बंद
कर पाए क्या फिर भी चकनाचूर मुझे

क़लम-सियाही ! सखी ! तुम्हारी सोहबत ये
रफ्ता-रफ्ता कर देगी मशहूर मुझे

खोल दिए हैं तुमने खिड़की – दरवाज़े
खूब निभाने आते पर दस्तूर मुझे

 डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

परिचय : डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा जन्म स्थान : बिजनौर (उ0प्र0) शिक्षा : संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि ( लब्ध स्वर्ण-पदक )एवं पी-एच 0 डी0 शोध विषय : श्री मूलशंकरमाणिक्यलालयाज्ञनिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन । प्रकाशन : 'ओस नहाई भोर'(एकल हाइकु-संग्रह), 'महकी कस्तूरी'(एकल दोहा-संग्रह), 'तुमसे उजियारा है' (एकल माहिया-संग्रह) । अन्य प्रकाशन - ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह ), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना ‘(चोका-संग्रह), हिन्दीहाइकुप्रकृति-काव्यकोश,, डॉसुधागुप्ताकेहाइकु मेंप्रकृति( अनुशीलनग्रन्थ),हाइकु –काव्यशिल्पएवंअनुभूति,समकालीनदोहाकोशमेंरचनाएँप्रकाशित।विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी )पत्र-पत्रिकाओं, ब्लॉग पर यथा – हिंदी चेतना,गर्भनाल, अनुभूति, अविराम साहित्यिकी, रचनाकार, समृद्ध सुखी परिवार,सादर इंडिया, उदंती, लेखनी, शोध दिशा, राजभाषा आश्रम सौरभ , यादें, अभिनव इमरोज़, सहज साहित्य, त्रिवेणी, हिंदी हाइकु, लघुकथा . कॉम, साहित्य कुञ्ज, विधान केसरी, प्रभात केसरी, नूतन भाषा-सेतु,नेवा: हाइकु, सरस्वतीसुमन आदि में हाइकु,सेदोका,ताँका,चोका,गीत,माहिया,दोहा, कुंडलियाँ, घनाक्षरी, ग़ज़ल, बाल कविताएँ, समीक्षा, लेख, क्षणिका आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन । ब्लॉग : jyotirmaykalash.blogspot.in सम्प्रति : स्वतन्त्रलेखन सम्पर्क :एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला- वलसाड, गुजरात (भारत ) पिन- 396191 e-mail -Sharmajyotsna766@gmail.com Jyotsna.asharma@yahoo.co.in

6 thoughts on “ग़ज़ल : सच कहती हूँ !

  • कल्पना रामानी

    बहुत सुंदर गजल

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      हार्दिक धन्यवाद आदरणीया दीदी !

  • क़लम-सियाही ! सखी ! तुम्हारी सोहबत ये

    रफ्ता-रफ्ता कर देगी मशहूर मुझेउम्दा पंक्तियाँ ..

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      हार्दिक धन्यवाद आदरणीय !

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी ग़ज़ल !

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      हार्दिक धन्यवाद आपका !

Comments are closed.