कविता

दोहे : करते शब्द प्रहार

प्रेम पूर्ण व्यवहार से, बढ़ता प्यार अपार,

मधुर वचन से आदमी, जीत सके संसार |

शब्दों के क्या अर्थ हैं, पहले करे विचार,

संबंधों की डोर पर, करते शब्द प्रहार |

नैतिकता बेजार है, भारी अब बाजार,

लेन-देन हावी हुआ, कमतर है व्यवहार |

घोर प्रदूषण खा रहा, उगतें सुंदर फूल,

मानवता की राह में, बिछतें देखे शूल |

जीवों का आदर करें, प्रेम पूर्ण व्यवहार,

याद रहेंगे कृत्य ही, छोड़ें जब संसार |

कड़वी हो सच्चाइयाँ, पर अच्छा बर्ताव,

गाँठ कभी बाँधे नहीं, मन में रख दुर्भाव |

नेता जब करने लगे, सबसे सद्व्यहार,

राम राज्य की कल्पना,तब होगी साकार |

गुरु चेलें के बीच में, बना रहे सद्भाव,

सदाचार की सीख से, आता आदर भाव |

संतोषी मन भाव से, करे ह्रदय को तृप्त,

इच्छाएं बढती रहे, रहता मन संतप्त |

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला, जयपुर

लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला

जयपुर में 19 -11-1945 जन्म, एम् कॉम, DCWA, कंपनी सचिव (inter) तक शिक्षा अग्रगामी (मासिक),का सह-सम्पादक (1975 से 1978), निराला समाज (त्रैमासिक) 1978 से 1990 तक बाबूजी का भारत मित्र, नव्या, अखंड भारत(त्रैमासिक), साहित्य रागिनी, राजस्थान पत्रिका (दैनिक) आदि पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित, ओपन बुक्स ऑन लाइन, कविता लोक, आदि वेब मंचों द्वारा सामानित साहत्य - दोहे, कुण्डलिया छंद, गीत, कविताए, कहानिया और लघु कथाओं का अनवरत लेखन email- lpladiwala@gmail.com पता - कृष्णा साकेत, 165, गंगोत्री नगर, गोपालपूरा, टोंक रोड, जयपुर -302018 (राजस्थान)