बाल कविताबाल साहित्य

मेरी प्यारी-प्यारी दोस्त – बाल कविता

मेरी प्यारी-प्यारी दोस्त।
नटखट, राजदुलारी दोस्त।

चॉकलेट सी मीठी-मीठी,
चंदा जैसी न्यारी दोस्त।

नहीं रूठने देती मुझको,
रखती सब तैयारी दोस्त।

सस्ते में खुशियाँ ले आती,
है ऐसी व्यापारी दोस्त।

एक अकेली दस से बढ़के,
सपनों की अलमारी दोस्त।

जूही-चंपा क्या-क्या बोलूँ,
सजी-धजी फुलवारी दोस्त।

उठा उसे घर ले तो आऊँ,
लेकिन थोड़ी भारी दोस्त।

*कुमार गौरव अजीतेन्दु

शिक्षा - स्नातक, कार्यक्षेत्र - स्वतंत्र लेखन, साहित्य लिखने-पढने में रुचि, एक एकल हाइकु संकलन "मुक्त उड़ान", चार संयुक्त कविता संकलन "पावनी, त्रिसुगंधि, काव्यशाला व काव्यसुगंध" तथा एक संयुक्त लघुकथा संकलन "सृजन सागर" प्रकाशित, इसके अलावा नियमित रूप से विभिन्न प्रिंट और अंतरजाल पत्र-पत्रिकाओंपर रचनाओं का प्रकाशन