कविता

एक भोली भाली लड़की

एक भोली भाली लडकी का अद्भुत, अनुपम दीदार हुआ,
सुंदरता का वर्णन ऐसा कंचन सा श्रृंगार हुआ,
आँखें जिसकी शर्मीली एक तिल भरा रुख़्शार हुआ,
हमको बस कुछ पल में उनसे थोड़ा थोड़ा प्यार हुआ।

एक भोली भाली लड़की का……………….

मिलन हुआ जब उनसे मेरा वो दूर का रिश्तेदार हुआ,
पल दो पल का प्यार का किस्सा पल भर में अखबार हुआ,
सारे ख्वाब अधूरे रह गए हर प्रयास बेकार हुआ,
सबको अपना प्यार मिला,बस मेरा प्यार उधार हुआ।

एक भोली भाली लड़की का………………

नीरज पान्डेय

नीरज पाण्डेय

नाम- नीरज पाण्डेय पता- तह. सिहोरा, जिला जबलपुर (म.प्र.) योग्यता- एम. ए. ,PGDCA Mo..09826671334 "ना जमीं में हूँ,ना आशमां में हूँ, तुझे छूकर जो गुजरी,मैं उस हवा में हूँ"

2 thoughts on “एक भोली भाली लड़की

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत मधुर गीत !

    • नीरज पाण्डेय

      आप सबका आशीष। सादर प्रणाम

Comments are closed.