लुटेरे
आज प्रदीप पहली बार चोरी करने के इरादे से , रात के काले अँधेरे में, घर से बाहर निकल पड़ा
Read Moreप्रियतमा ने खुश होकर कहा बंद करो तकरार मिल कर होली खेलेंगे साल के बारहों मास साल के बारहों मास
Read Moreओ३म् संसार में धर्म व संस्कृति का आरम्भ वेद एवं वेद की शिक्षाओं से हुआ है। लगभग 2 अरब वर्ष
Read Moreयह 1946 या 47 की बात है। वहाँ से भ्राताजी के खत आते। उनसे वह काफी परेशान से लगते जैसे
Read Moreआया ऐसा जलजला, हिला पुनः जापान। जिसके कारण देखिए, काँपा हिंदुस्तान। काँपा हिंदुस्तान, राजधानी फिर डोली। देती प्रकृति जवाब, पाप
Read Moreइस जिंदगी का क्या भरोसा कब शाम हो जाय , भरी दोपहरी में कब सूरज डूब जाय …. उम्मीद
Read Moreमित्रो, आपने बहुत से लोग देखे होंगे जो आयुर्वेदिक भक्त होते हैं अर्थात आयुर्वेदिक इलाज के गुण गाते हुए ऐलोपेथी
Read Moreओ३म् सृष्टि का आधार कर्म है। ईश्वर, जीवात्मा एवं प्रकृति तीन अनादि, नित्य और अविनाशी सत्तायें हैं। सृष्टि प्रवाह से
Read More(1) जीवन की आड़ी तिरछी राहों पर आगे बढ़ता चल बाधा से घबराना कैसा सोच समझ पग धरता चल जन
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