यूँ हीं
कोई भी किसी का
अपमान या सम्मान कर
अपने संस्कारों का
परिचय देता है ।
धैर्य सबके हिस्से
कहाँ खुदा देता है।।
=
आँख से टूट
बंदनवार तनी
बरौनी पर
गम आँसू छोड़
पोली बांसुरी
गुनगुनाने वाली
जिंदगी धुन
हृदय तान संग
विरला बजाता है
कोई भी किसी का
अपमान या सम्मान कर
अपने संस्कारों का विभा जी , बिलकुल सही बातें लिखी . बहुत अच्छी लगीं .
परिचय देता है ।
अच्छी क्षणिकाएं !