कविताहास्य व्यंग्य

व्यंग्य कविता – आदमी और कुत्ता

कौन आदमी है, कौन कुत्ता
गायक अभिजीत ने अपने आचरण से
इन प्रश्नों के सहज हल दिए
“सड़कें, कारों और कुत्तों के लिये बनीं हैं”
यह कहकर वे
अपनी कार में बैठे
और सड़क पर चल दिए.

डाॅ. कमलेश द्विवेदी
मो.9415474674

One thought on “व्यंग्य कविता – आदमी और कुत्ता

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया व्यंग्य !

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