कविता

अब से लिखना बंद करूंगा…!

अब से लिखना बंद करूंगा…!
लफ़्ज में दिखना बंद करूंगा…!!
तुमने खरीदे लफ़्ज मेरे,
हो गए सारे जज्ब़ मेरे,
अब खरीदना सूखे पत्ते,
तुम पर बिकना बंद करूंगा…!
अब से लिखना बंद करूंगा…!!
पत्र हमारे राख कर दिए,
गर्व-गुमां सब ख़ाक कर दिए,
शर्म-हया सब ताक पे रख के,
अबसे झिझकना बंद करूंगा…!
अब से लिखना बंद करूंगा…!!
मैं ‘प्रजापति’ कलम तोड़ कर,
स्याही डिबिया सभी छोड़कर,
दिल से मिटा अस्तित्व हमारा,
लब़ पे फड़कना बंद करूंगा…!
अब से लिखना बंद करूंगा…!!

सूर्यनारायण प्रजापति

जन्म- २ अगस्त, १९९३ पता- तिलक नगर, नावां शहर, जिला- नागौर(राजस्थान) शिक्षा- बी.ए., बीएसटीसी. स्वर्गीय पिता की लेखन कला से प्रेरित होकर स्वयं की भी लेखन में रुचि जागृत हुई. कविताएं, लघुकथाएं व संकलन में रुचि बाल्यकाल से ही है. पुस्तक भी विचारणीय है,परंतु उचित मार्गदर्शन का अभाव है..! रामधारी सिंह 'दिनकर' की 'रश्मिरथी' नामक अमूल्य कृति से अति प्रभावित है..!

2 thoughts on “अब से लिखना बंद करूंगा…!

  • विजय कुमार सिंघल

    लिखना बंद मत कीजिये, और बेहतर लिखने की कोशिश कीजिये.

    • सूर्यनारायण प्रजापति

      अवश्य बड़े भाई साहब…! मन के उद्गार थे जो प्रस्फुटित हो गए….

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