राजनीति

मोदी जी की विदेश यात्रायें और मूर्ख आलोचक !

आजकल कई आलोचक इस बात पर चुटकी ले रहे हैं कि पिछले एक साल में मोदी जी ने बहुत विदेश यात्रायें की हैं.

ऐसी आलोचना सरासर मूर्खतापूर्ण है, क्योंकि मोदी जी ने ये यात्रायें तफरी करने के लिए नहीं बल्कि विदेशों से देश के सम्बन्ध सुधारने और निवेश लाने के लिए की हैं. इन यात्राओं से ही संसार में देश का सम्मान बढ़ा है और निवेश आ रहा है, जिनसे रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे और देश विकास के रास्ते पर दौड़ने लगेगा। वैसे भी मित्र देशों से सम्बंध अच्छे रखना और अन्य देशों से सम्बंध सुधारना अपने देश के हित में ही है। पिछली सरकार के दिनों में देश की इज्जत मटियामेट हो गयी थी।

यह बात भी नहीं है कि वे देश की ओर ध्यान न दे रहे हों। पिछले एक साल में जब से मोदी जी प्रधानमंत्री पद पर आये हैं तब से उन्होंने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली है। वे निरंतर कार्य में लगे रहते हैं। देश की हालत सुधारने के लिए उन्होंने अनेक नयी योजनायें प्रारम्भ की हैं जिनको अपार सफलता मिली है। सामाजिक सुरक्षा की तीन नयी योजनायें जो वे लाये हैं वे विलक्षण हैं और अपूर्व हैं।

मोदी जी विकास का राजमार्ग तैयार करना चाहते हैं पर कुछ धूर्त नेता और राजनैतिक दल राज्यसभा में भाजपा और सहयोगियों का बहुमत न होने के कारण इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं ताकि मोदी जी सफल न हों। इस षडयंत्र को विफल करने के लिए आवश्यक है कि हम मोदी जी के साथ दृढ़ता से खड़े रहें। मोदी जी देश की अन्तिम आशा हैं। अगर वे विफल हुए तो देश को सर्वनाश से कोई नहीं बचा सकेगा।

जय श्री राम ! नमो नमो !!

 

 

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com

9 thoughts on “मोदी जी की विदेश यात्रायें और मूर्ख आलोचक !

  • चंद्र शेखर पंत

    मोदी जी ने भरत देश और भारतवाशियों के सम्मान में विदेशों मेंचार चांद लगा दिये हैं इसमें कोई संदेह नहीं. मैंने हाल ही चीन यात्रा के दौरान इस बात को अच्छे से नोटीस किया..

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    मोदी जी विकाश स्तंभ एवम् युग पुरुष हैं/ प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति एवं उनके व्यक्तित्व को संपूर्ण विश्व गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए सतत आतुर रहता है जय श्री राम

  • Man Mohan Kumar Arya

    नमस्ते महोदय। आपके लेख की एक एक बात से सहमत हूँ। मोदी जी ने बहुत अच्छे कार्य कियें हैं और अभी बहुत कुछ करने के लिए शेष हैं। स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार में मोदी प्रभाव कहीं नजर नहीं आया है। सब कुछ प्रायः पहले जैसा है। मेरी मोदी जी से एक अपेक्षा है कि वह कम से कम एक बार धोती कुर्ते के पहनावें में नज़र आये। जब कांग्रेस, आरएसएस तथा बीजेपी के नेता धोती पहन सकते हैं तो मोदी जी क्यों नहीं? यदि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद एक बार भी धोती पहनी है तो इसका मुझे ज्ञान नहीं है।

    • विजय कुमार सिंघल

      प्रणाम, मान्यवर ! मोदी जी ही नहीं सभी प्रचारक प्रायः कुरता पजामे के देशी वस्त्रों में रहते हैं. कोई कोई धोती भी पहनते हैं. अगर मोदी जी तक आपकी बात पहुँच गयी तो वे भी धोती पहनकर फोटो खिंचवा सकते हैं.
      आप इस बात से तो सहमत होंगे कि ऊपरी स्तर का भ्रष्टाचार प्रायः समाप्त है, क्योंकि पिछले एक साल में एक पैसे के भी भ्रष्टाचार का प्रश्न नहीं आया है. नीचे के स्तर पर भी भ्रष्टाचार तब मिटेगा जब राज्य सरकारें कड़ाई करेंगी और लोग जागरूक होंगे.

      • Man Mohan Kumar Arya

        आपकी बात ठीक है परन्तु मैं समझता हूँ की कुर्ता पायजामा भारतीय धर्म एवं संस्कृति का प्रतीक न होकर धोती कुर्ता ही प्रतीक है। इसे ही हमारे सभी पूर्वज पहनते थे। मुझे लगता है कि मोदी जी या तो इसका महत्व नहीं जानते या फिर उन्हें यह पसंद नहीं है। हार्दिक धन्यवाद।

        • विजय कुमार सिंघल

          मान्यवर, मैं भी धोती कुरता नहीं पहनता. कार्यालय में पेंट कमीज पहनता हूँ और घर में नेकर या पजामा. यह तो बदलती हुए समय के साथ चलना है. थोडा समझौता तो करना ही पड़ता है.

          • Man Mohan Kumar Arya

            धन्यवाद।

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    विजय भाई , आज सुबह से ही भारती निऊज़ चैनल देख रहे हैं और इस वक्त मोदी जी शंघाई में लोगों को बोल रहे हैं . सिआसत को इतना तो नहीं समझता लेकिन देश का पहला परधान मंत्री देखा है जिस के बोलने से हर भारती फखर कर रहा है . ऐसे लगता है जैसे सुभाष चन्द्र बोस बोल रहा हो , बिदेस में भारत का गौरव बढ़ाया गिया है .

    • विजय कुमार सिंघल

      धन्यवाद, भाई साहब ! आपका कहना सच है. आज विदेशों में हमारे देश और देशवासियों की जितनी इज्जत है उतनी पहले कभी नहीं थी. मोदी जी ने अब तक जो किया है वह मामूली नहीं है, बहुत ठोस कार्य है. इसका अच्छा परिणाम शीघ्र सामने आएगा.

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