हाइकु/सेदोका

सागर /समुद्र पर आधारित हाइकु

गुंजन अग्रवाल
1
शर्मीला चाँद
सिन्धु तट उतरा
मेघों की ओटI
2
जीव इच्छाएँ
सागर सी अथाह
रही अधूरी/ होती न पूरी
3
आया तूफान
बहा ले गया घर
मौन सागर ।
4
बचा लो पानी
सागर भी है प्यासा
नदी कहानी ।
5
नयनवासी
भवसिंधु में स्वप्न
भविष्यवासी ।
6
नन्हा शैशव
अब्धि सी मोह माया
डूब ही गया ।
7
अंक समेट
नदिया सिन्धु साथ
पाता विस्तार ।
8
कब लौटी है
समाके सागर में
बेचारी नदी ।
9
कल्पना कवि
प्रेम अब्धि में डूबा
ज्वलंत रवि ।

गुंजन अग्रवाल

नाम- गुंजन अग्रवाल साहित्यिक नाम - "अनहद" शिक्षा- बीएससी, एम.ए.(हिंदी) सचिव - महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई संपादक - 'कालसाक्षी ' वेबपत्र पोर्टल विशेष - विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व साझा संकलनों में रचनाएं प्रकाशित ------ विस्तृत हूँ मैं नभ के जैसी, नभ को छूना पर बाकी है। काव्यसाधना की मैं प्यासी, काव्य कलम मेरी साकी है। मैं उड़ेल दूँ भाव सभी अरु, काव्य पियाला छलका जाऊँ। पीते पीते होश न खोना, सत्य अगर मैं दिखला पाऊँ। छ्न्द बहर अरकान सभी ये, रखती हूँ अपने तरकश में। किन्तु नही मैं रह पाती हूँ, सृजन करे कुछ अपने वश में। शब्द साधना कर लेखन में, बात हृदय की कह जाती हूँ। काव्य सहोदर काव्य मित्र है, अतः कवित्त दोहराती हूँ। ...... *अनहद गुंजन*

One thought on “सागर /समुद्र पर आधारित हाइकु

  • मनजीत कौर

    बहुत सुन्दर !

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