कविता

वर्षो से ……..

वर्षो से तमन्ना लिए बैठी ,

अब करू बातें दिल की , मगर

किसके साथ करू बातें जुबानी ,

यही सोच ली मदद कलम की ,

कहाँ से बातें शुरू करू मैं ,

उसी सोच में डूब पड़ी ,

उसकी सुनु या अपनी सुनाऊ ,

या पहले हाले गम बताऊ ,

जो कह न सकी थी बात उस दिन ,

क्या आज उसे बता दूँ |

— निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

2 thoughts on “वर्षो से ……..

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      dhanybad

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