मुक्तक =यथार्त व्यंग=कलमकार
[1] दिल मे दर्द था क़लम सहारा बन गयी, नुक्कत के हेर फेर मे बेवफा सी सज गयी , कलमकार
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Read Moreतलब लगे जब तम्बाकू-सिगरेट की,विचलित ना होना बस गिलास-भर पानी लेकर धीरे-धीरे सिप करना कुछ दिन में ही लत तेरी
Read Moreओ३म् आज विज्ञान तेजी से नई-नई सफलतायें प्राप्त कर आगे बढ़ रहा है। विगत कुछ दशकों में विज्ञान अनेक सफलतायें
Read Moreदुनिया में सबसे महान है हमारा प्यारा हिंदुस्तान आओ बच्चों जानें हम इसके शहरों का भौगोलिक उपनाम ईश्वर का निवास
Read Moreप्राक्कथन जड़ चेतन गुन दोषमय विश्व कीन्ह करतार। संत हंस गुन गहहिं पय परिहरि वारि विकार।। सियाराम मय सब जग
Read Moreअब हम कुछ बड़े हो गए थे और शरारतें भी करने लगे थे। यों तो मैं बहुत शरीफ लड़का था
Read Moreमौका था यह आठवाँ, जब कर मन की बात। प्रकट किए गहरे तनिक, अबकी वो जज्बात। अबकी वो जज्बात, सफलता
Read Moreसुश्रुत और चरक के बाद भारतीय चिकित्सा विज्ञान में नयी क्रांति के प्रणेता और पोषक ऊर्जा विज्ञान के जनक प्रोफेसर
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