“पता, मेरे गाँव का”
क्यों पूछते हो मेरे गाँव का पता माफ करना गर हुयी कोई खता || अदब से रहता हूँ इसी
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Read Moreरहमतों से आपकी बेखबर तो मैं नहीं हूँ | साहिब हो तुम मैं तो बस दास ही हूँ | चाहकर
Read Moreआज भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस है। आज ही के दिन ४० साल पहले हिन्दुस्तान की मक्किका-ए-आज़म, निरंकुश तानाशाह इन्दिरा
Read Moreमेरे सुहाग की लाली समर्पित है उन नौजवानों को जिनकी हर सुबह अपने सीने पर गोली खाने की कवायद के
Read Moreतुमने कहा तुम अपना दर्द मुझे दो मैं उसें ख़ुशी मैं बदल दूंगा मान गई मैं तुमने कहा तुम अपने
Read Moreऔर कुछ पल बाद, एक साल और कम हो जाएगा तेरे मेरे बीच की दूरियां निरंतर कम हो रही हैं
Read More30 अप्रैल 1957 को राज की शादी हुई। डोली जाने के बाद कुछ ही दिन बाद मुझे तार मिला कि
Read Moreदेख रही हूं मिटता जीवन, छाया घोर अन्धेरा। हर पल जकड़े पथ में मुझको, शंकाओं का घेरा। मेरे जीवन की
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