बाल कविता

वर्षा

ऋतुओं की रानी है वर्षा ,

रिमझिम -रिमझिम होती वर्षा ,

चारों तरफ हरियाली छायी ,

मौसम में ख़ुशहाली  लायी ,

खुश होती तो भर देती है

नदी तालाब में पानी वर्षा ,

पर गुस्से में बाढ़ बनकर,

करने लगती मनमानी वर्षा !

— निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

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