मानसूनी बारिश के क्या हसीं नज़ारे हैं
मानसूनी बारिश के, क्या हसीं नज़ारे हैं। रंग सारे धरती पर, इन्द्र ने उतारे हैं। छा गया है बागों
Read Moreमानसूनी बारिश के, क्या हसीं नज़ारे हैं। रंग सारे धरती पर, इन्द्र ने उतारे हैं। छा गया है बागों
Read Moreजीना है मुझे…..हाँ जीना है मुझे भी …मुझे भी जीने दे | ना घोल ज़हर नफ़रतों का यूँ कि….. मुझे
Read Moreप्रतिक्षण, प्रतिपल, प्रतिदिन, मेरे हृदय के दीपक धिरे-धिरे जल। मेरे प्रिये का पथ अलोकित कर। मृदु आभास, अपरिमित, जीवन का
Read Moreमनीषा का विवाह सन् 2000 में कानपुर वाले भाईसाहब श्री सूरजभान की दूसरी पुत्री मनीषा का विवाह निश्चित हुआ। वह
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