मुक्तक/दोहा

माँ को नमन

“काश मुझसे भी कोई ऐसा जतन हो जाये
कि मेरे प्यारे वतन का मन मगन हो जाये
सर झुका दूँ मैं भारत की पावन माटी पर
फिर देश की हर माँ को नमन हो जाये…!

वन्देमातरम् जय हिन्द जय माँ भारती।

(:: नीरज पान्डेय ::)

नीरज पाण्डेय

नाम- नीरज पाण्डेय पता- तह. सिहोरा, जिला जबलपुर (म.प्र.) योग्यता- एम. ए. ,PGDCA Mo..09826671334 "ना जमीं में हूँ,ना आशमां में हूँ, तुझे छूकर जो गुजरी,मैं उस हवा में हूँ"

One thought on “माँ को नमन

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा मुक्तक !

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