कवितापद्य साहित्य

कब मिलेगी उनसे आज़ादी ?

 

 

अंग्रेज़ शासक थे ,

थे बहुत रुढ़िवादी

सोचते थे भारतवासी

कब मिलेगी इनसे आज़ादी ?

खाए सीने में गोली

खेले खून की होली

पर दिल में था अटूट विश्वास

लेकर रहेंगे अपनी आज़ादी |

साहस और शौर्य के आगे

अंग्रेज़ ने शीश झुकाया

पंद्रह अगस्त उन्नीस सौ सैतालिश

भारत ने आज़ादी का जश्न मनाया |

परतंत्र से मिली आज़ादी

खुश हुई पुरे देश की आबादी

किन्तु बाकि अभी था बहुत

नहीं मिली थी पूर्ण आज़ादी |

अंग्रेज़ चले गए ,पर

अंग्रेज़ियत पीछे छोड़ गए

कुर्सी पर बैठने वाले सब

हिन्दुस्तानी अंग्रेज बन गए |

पूछती है जनता ………

गरीबी,महंगाई,अनाज की बर्बादी

कब मिलेगी इनसे हमें आज़ादी ?

भ्रष्टाचार और घोटाला,

करते हैं अफसर और नेता

उसका दंड भोगते हैं

देश की निर्दोष जनता |

परेशां जनता कह रही है…..

स्वार्थी न बनो नेता, न जड़वादी

जातिवाद,सांप्रदायिक उग्रवाद से

युवा बन रहे हैं अब आतंकवादी ,

समाप्त करो भेद-भाव की नीति

बताओ ,कब मिलेगी इनसे हमें आज़ादी ?

जनता अब ऊब गई है

संसद के तू-तू,मैं-मैं से,

बच्चे खेलना भूल गए हैं

झगड़ने की कला सीख रहे हैं

जनता के प्रतिनिधि से |

जनता मानती संसद को

“एक मंदिर शिष्टाचार का “

किन्तु ,अब संसद बन गया

“कुस्ती का एक अखाड़ा” |

 

गरीबी ,महंगाई ,परिवारवाद

असुरक्षा,साम्प्रदायिकता,जातिवाद

खोखला कर रहे हैं हिंदुस्तान को,

जनता ने चुना तुम्हे ,हो उनके प्रतिनिधि

पूंजीवाद को छोड़ अब बनो जनवादी

बताओ, कब मिलेगी हमें उनसे आज़ादी ?

 

© कालीपद ‘प्रसाद’

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !