हाइकु/सेदोका

सेदोको

 

निष्ठा राखी मैं
रोली – अक्षत संग
भेजती भैया प्यारे
निभाना रिश्ता
कृष्ण बन बचाना
जग स्त्रियों की लाज।


बांधें राखियां
अब स्त्री को हर स्त्री
बचाना स्वयं चीर
दुःशासनों से
उठा भुजा अपनी
काली – रणचंडी – सी।


भेजूं राखियां
सीमा प्रहरियों को
जिनकी कुर्बानी से
देश ले साँसें
स्त्रियां रहें रक्षित
रुक्मणी – द्रौपदी – सी।

वीर – जांबाज
करें देश की रक्षा
आजादी के खातिर
दें देते जान
भेजूं प्रेम – निष्ठा में
पगी प्रेम राखियां।

मंजु गुप्ता

जन्म : २१. २. १९५३ , ऋषिकेश , उत्तरांचल शिक्षा : एम.ए ( राजनीति शास्त्र ) , बी.एड शिक्षण : हिंदी शिक्षिका, जयपुरियार सीबीएससी हाईस्कूल, सानपाड़ा नवीमुंबई संप्रति : सेवा निवृत मुख्य अध्यापिका , श्री राम है स्कूल , नेरूल , नवी मुंबई। कृतियाँ :प्रांतपर्वपयोधि काव्य,दीपक नैतिक कहानियाँ,सृष्टि खंडकाव्य,संगम काव्य अलबम नैतिक कहानियाँ , भारत महान बालगीत सार निबंध,परिवर्तन कहानियाँ। प्रेस में : जज्बा ( देश भक्ति गीत ) रुचियाँ : बागवानी , पेंटिंग , प्रौढ़ शिक्षा और सामाजिकता प्रकाशन : देश - विदेश की विभिन्न समाचारपत्रों ,पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। उपलब्धियां : समस्त भारत की विशेषताओं को प्रांतपर्व पयोधि में समेटनेवाली प्रथम महिला कवयित्री , मुंबई दूरदर्शन से सांप्रदायिक सद्भाव पर कवि सम्मेलन में सहभाग , गांधी जीवन शैली निबंध स्पर्धा में तुषार गांधी द्वारा विशेष सम्मान से सम्मानित , माॅडर्न कॉलेज वाशी द्वारा सावित्री बाई फूले पुरस्कार से सम्मानित , भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान द्वारा प्रीत रंग में स्पर्धा में पुरस्कृत , आकाशवाणी मुंबई से कविताएँ प्रसारित , विभिन्न व्यंजन स्पर्धाओं में पुरस्कृत, दूरदर्शन पर अखिल भारतीय कविसम्मेलन में सहभाग । सम्मान : वार्ष्णेय सभा मुंबई , वार्ष्णेय चेरिटेबल ट्रस्ट नवी मुंबई , एकता वेलफेयर असोसिएन नवी मुंबई , मैत्री फाउंडेशन विरार , कन्नड़ समाज संघ , राष्ट्र भाषा महासंघ मुंबई , प्रेक्षा ध्यान केंद्र , नवचिंतन सावधान संस्था मुंबई कविरत्न से सम्मानित , हिन्द युग्म यूनि कवि सम्मान , राष्ट्रीय समता स्वतंत्र मंच दिल्ली द्वारा महिला शिरोमणी अवार्ड के लिए चयन आदि। संपर्क :19, द्वारका, प्लॉट क्रमांक 31, सेक्टर 9A वाशी, नवी मुंबई400703 भारत . फोन : 022 - 27882407 / 09833960213 ई मेल : writermanju@gmail.com

3 thoughts on “सेदोको

  • विजय कुमार सिंघल

    बढिया ! !

  • शशि शर्मा 'ख़ुशी'

    बेहतरीन सृजन |

  • बहुत ही अच्छी रचना मगर
    इस बात को कोई समझ जाता तो क्या बात होती,
    आज जन्म लेने से पहले कोख में बिटिया तो ना मरती,

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