उपन्यास अंश

अधूरी कहानी : अध्याय 12 : फेसबुक फ्रेंड

समीर के पिताजी एक नामी वकीलों में से एक हैं, समीर के परिवार में उसकी एक छोटी बहन रीता मल्होत्रा, उसके पापा अभिनीत मल्होत्रा, मम्मी आराधना मल्होत्रा तथा खुद समीर मल्होत्रा, ये लोग दिल्ली में एक छोटे से फ्लैट में रहते हैं।
समीर की बहन हाईस्कूल की छात्रा है तथा समीर M.B.A. का एक मेहनती छात्र है समीर के पापा को किसी केस के सिलसिले में जयपुर आना पड़ा जयपुर में कभी इनका परिवार रहता था किसी कारणवश अभिनीत मल्होत्रा को दिल्ली आकर रहना पड़ा, जयपुर कुछ दिन रूकने के बाद अभिनीत मल्होत्रा ने यहीं रहने का मन बना लिया था।वैसे भी इनकी पत्नी हमेशा जयपुर लौटने की ही बात करतीं रहती थीं, पर समीर का हमेशा से मन था कि वह अब दिल्ली में ही रहे लेकिन जब उसके सारे परिवार ने जयपुर जाने का मन बना लिया तो उसने भी हामी भर दीं।

अब जब ये लोग जयपुर में ही आ गये तो समीर ने भी यहां एक कालेज में एडमिशन ले लिया। समीर का घर उसके कालेज से लगभग 20किमी था तो उसने होस्टल में न रहकर रोज घर से ही अप-डाउन करने का फैसला किया।चूँकि समीर शहर में नया था तो उसका मन नही लग रहा था, टाइम पास के लिये समीर ने अपने लैपटाॅप में फेसबुक आॅन किया तथा चैटिंग वाले सैंसन में किलक किया तो उसके दोस्तों के मैसजेस आना शूरु हो गये।

वही रोज के बोरिंग देख के वह चैट आॅफ करने ही वाला था कि एक किसी लड़की का मैसेज आया- क्या मैं आपसे दोस्ती कर सकतीं हूॅ।समीर ने तुरंत जबाब दिया- ‘yes, but we are also freind..फिर लडकी कि जबाब आया I know but दोस्त के बारे में जानना भी तो जरूरी है, समीर- you are right मिस…….तो उधर से जबाब आया- स्नेहा
समीर- हाॅ स्नेहा
स्नेहा-ok thanks friend and good night.
समीर- ok you to.
और फिर समीर ने अपना लैपटाॅप आॅफ कर दिया तथा सो गया।

दयाल कुशवाह

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