बाल कविता

बाल कविता

मॉ मुझे दिला दो
कन्हैया का मूरलीयॉ
मैं भी बजाउगी बैठ
कदम्ब की डलीयॉ
सखी सहेलीयो को
बुलाऊगा अपनी गलीयॉ
हमे तुम सीखा दो
कृष्ण का रहनीयॉ
मैं भी अब बचाउगी
द्रोपती की लजीयॉ
सुदामा जैसे लोगो को
करूगा दूर गरीबीयॉ
हमे बता दो सब
न्याय की कहनीयॉ
तभी तो मै मिटा पऊगा
कलियुग की कहानीयॉ

निवेदिता चतुर्वेदी.

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४