उपन्यास अंश

अधूरी कहानी: अध्याय; 28: पुरस्कार वितरण

स्नेहा तथा समीर आॅफिस में थे तभी तभी रूपाली ऑफिस में आयी और उसने स्नेहा को एक कार्ड दिया स्नेहा ने वह कार्ड खोला तो वह कार्ड एक बहुत बड़ी कंपनी में हर साल होने वाले फंग्शन का था और जिसमें चीफ गेस्ट का नाम स्नेहा और रमेश चौधरी था राजेश डिसूजा जो इस कंपनी के मालिक भी है हर साल पुरस्कार वितरण करते हैं।
आज डिसूजा जी की कंपनी में काफी भीड़ थी सब बहुत सारे लोग आ रहे थे और कुछ लोग बैठे भी थे जब सब लोग इकट्ठा हो गये स्नेहा तथा रमेश चौधरी के लिये स्टेज पर चेयर लगी थी तो वे जाकर वहाँ बैठ गये तभी स्टेज पर डिसूजा जी आये तब एक बार सब खड़े हो गये डिसूजा जी नै सबको बैठने का इशारा किया सब बैठ गये फिर डिसूजा जी बोलने लगे कि हमहर साल अपनी कंपनी में अच्छा काम करने वाले लोगों को सम्मानित करते है पर इस साल भी हमने पूरे शहर से नेट पर सबसे अच्छा काम करने वाले लोगों को बुलाया है और हम उनका रिकॉर्ड चैक करेंगे तथा सबसे अच्छे तीन नेट वर्करस को सम्मानित किया जायेगा।
फिर सब लोगों नै अपने रिकॉर्डस दिये सबके रिकॉर्डस चैक किये गये और डिसूजा जी फिर स्टेज पर आये और बोले आज के हमारे चीफ गेस्ट है स्नेहा जी और रमेश चौधरी जी डिसूजा जी ने रमेश चौधरी जी को स्टेज पर बुलाया और उनके हाथ में एक कार्ड दिया जिसमें तृतीय विजेता का नाम था।
रमेश जी स्टेज पर आये और बोले डिसूजा जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका जो आपने मुझे ये मौका दिया और ये पुरस्कार तीसरे स्थान वाले व्यक्ति के लिये है इसमें है पचास हजार रूपये और 15% सेलरी में इजाफा और ये पुरस्कार जाता है मिस्टर आसूतोस गुप्ता भीड़ में तालियाँ बजने लगी तभी एक आदम उठकर आया और पुरस्कार लेकर धन्यवाद बोलकर चला गया। फिर एक कार्ड खुद डिसूजा जी लाते है और कहते हैं यह पुरस्कार उस व्यक्ति के लिये है जो दूसरे स्थान पर है और इसमें है एक लाॅख रूपये और 20% सेलरी में इजाफा और ये पुरस्कार जाता है मिस्टर करन राजपुरोहित को तभी भीड़ में से एक लम्बे कद वाला आदमी उठा और स्टेज पर आया एक बार फिर तालियाँ बजने लगी डिसूजा जी ने उसे पुरस्कार दिया और बधाई दी और फिर वह वापस जाकर अपनी जगह पर बैठ गया ।
फिर स्नेहा स्टेज पर आती है और कार्ड में देखकर बोलती है यह पुरस्कार उस व्यक्ति को जाता है जिसने पहला स्थान पाया है इसमें है दो लाॅख रूपये का चैक तथा एक आई फोन और ये जाता है एक ऐसे आदमी को जो कंपनी के नहीं है पर बहुत होशियार है और वो हैं मिस्टर एंथोनी सिन्हा तभी तालियों की आवाजें सुनायी देने लगती है और भीड़ में से एक सुंदर दिखने वाला आदमी उठकर स्टेज पर आता है तभी स्नेहा जोर से उसे थप्पड़ मारती है और उस आदमी को पुलिस पकड़ लेती है फिर चारों-तरफ बातें होने लगती है कि क्या हुआ तभी पुलिस कमिशनर स्टेज पर आते हैं और कहते हैं तुम लोग यही सोच रहे हो न कि हुआ क्या है मैं बताता हू सब कुछ ।

दयाल कुशवाह

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