गीत/नवगीत

गीत : बेटी की शिक्षा

कलम उठाई है जो तुमने बेटी का अधिकार लिखो
शिक्षित हो बेटी हर घर में वीणा का अवतार लिखो
लिख दो सारे अधिकार अभी
बेटी का दामन भरना है
तोड़ पुरानी जंजीरो को
आज नया कुछ करना है
वर्णों में हुंकार भरी हो आज वही अंगार लिखो
शिक्षित हो बेटी हर घर में वीणा का अवतार लिखो ।
बेटी को घर घर मान मिले
लक्ष्मी आज समझना है
बेटा बेटी इक जैसे है
ध्यान सदा अब रखना है
हर मोड़ मिले आजादी का खुशियों का अम्बार लिखो
शिक्षित हो बेटी हर घर में वीणा का अवतार लिखो ।
हर हाथो में कलम किताबे
हर बच्चे को अब पढ़ना है
पढता भारत बढ़ते हम हो
इस सपने को गढ़ना है
विद्या ही दौलत है उसको तुम अपना आधार लिखो
शिक्षित हो बेटी हर घर में वीणा का अवतार लिखो ।
पढ़ लिख बेटी देश बढ़ाये
यह राज सभी को कहना है
गाँव शहर कस्बों तक फैले
घर घर वीणा रखना है
हो निर्भय हर बेटी अब विश्वास यहाँ हथियार लिखो
शिक्षित हो बेटी हर घर में वीणा का अवतार लिखो ।
दान दहेज मिटा देना अब
शिक्षा ही उसका गहना है
हर सपने को साकार करे
अब ऐसी बिटिया रचना है
बोझ नहीं समझो अब बेटी नमन हजारों बार लिखो
शिक्षित हो बेटी हर घर में वीणा का अवतार लिखो ।
पुष्प लता शर्मा

पुष्प लता शर्मा

जन्मतिथि : 8 जनवरी 1980 जन्मस्थान : प्रतापगढ़ शिक्षा : स्नातक व्यवसाय : प्रबंधक (F&A) ई मेल : pusplatasharma@gmail.com

One thought on “गीत : बेटी की शिक्षा

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    अतीव सुंदर रचना

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