कहानी : गुरु दक्षिणा
मानस पटल पर महाभारत काल की घटना याद आती है जब गुरु द्रोणाचार्य ने उपेक्षित जाति के एकलव्य के हाथ
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Read More..एक सपना है अब अधूरा सा – एक टूटी सी आस है शायद.. ..टूटी है आरज़ू – आइनें की तरह
Read Moreआज मेरी बिटिया के जन्मदिवस पर विशेष। आप सब का आशीष अपेक्षित है। मैं सब कुछ भूल जाता हूँ वो
Read Moreइधर हम और उधर वो भी तड़पते तो होंगे बिन बोले बिन बात किये अगर इक आंसू उधर तो दो
Read Moreमैं जाति अनेक क्यूं हूं आज मेरा अस्तित्व क्या? युवाओं का भविष्य जोड़ दिया मुझसे जाने कब कहां पढ़ने वाले
Read Moreजिन्दगी और रेलगाड़ी… दोनों एक जैसी हैं | कभी तेज तो कभी धीमी गति से लेकिन चलती है | पैसेंजर
Read Moreलखनऊ में मैं 8 मार्च 2010 को प्रातःकाल ही लखनऊ आ गया और निर्धारित समय पर अपने कार्यालय में भी
Read More..आओ पर्यावरण बचायें , धरती माँ का क़र्ज़ चुकायें.. ..धरती है माता,प्रकृति है माता,गंगा मईया व् समस्त नदियाँ , वोह
Read Moreजिसको अपने दिल में बसाया, उसने ही दिल तोड़ा है !! भरी दुनियाँ में जिसने हमको, तन्हाँ करके छोड़ा है
Read Moreहमारे इंटरमीडिएट के एग्जाम हो चुक्के थे और अच्छे नंबरों पर मैं, जीत और बहादर तीनों पास हो गए थे।
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