बाल कविताबाल साहित्य

प्रकृति से सीख

फूलों से सीखो हमने मुस्कुराना

काँटो से सीखो साथ निभाना

नदियों से सीखो चलते जाना

झरनों से सीखो गुनगुनाना

चिडिया से सीखो चहचहाना

कोयल से सीखो गीत गाना

लताओं से सीखो नत जाना

चट्टानों से सीखो डट जाना

दीपक से सीखो प्रकाश फैलाना

चींटी से सीखो कर्म करते जाना

प्रकृति के कण-कण से देखो

सीख हमें नित मिलती है

गति जीवन, जीवन गति है

अनवरत है बस चलते जाना

शशि शर्मा 'ख़ुशी'

नाम- शशि शर्मा 'खुशी'...जन्मतारीख - 6/6/1970 .... जन्म स्थान- सिलारपुर (हरियाणा) व्यवसाय - हाऊसवाईफ मूल निवास स्थान हनुमानगढ (राजस्थान) है | पतिदेव श्री अरूण शर्मा, की जॉब ट्रांसफरेबल है सो स्थान बदलता रहता है | पढने का बेहद शौक है,,,, अब लेखन भी शुरू कर दिया है | कुछ विविध पत्र-पत्रिकाओं में मेरी कवितायें प्रकाशित हो चुकी हैं |

One thought on “प्रकृति से सीख

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सुंदर रचना

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