कविता

कविता : मेरे साथ

 

जब योवन पर आती
नदियाँ
मछलियाँ तब नदी के प्रवाह के
विपरीत प्रवाह पर तेरती
छोटी -छोटी धाराओं पर
चढ़ जाती सीधे
*
नदियाँ मिलना चाहती
समुद्र से
मछलियाँ देखना चाहती
नदियों का उद्गम
*
सागर से मिलती जब नदियाँ
लाती साथ में कूड़ा करकट
सागर को बताने
ऐसे हो जाती है दूषित
प्रदूषण फेलाने वालों इंसानों से
*
जल को स्वच्छ बनाने के लिए
बहकर /कहकर जाती नदियाँ
मछलियों से
बस तुम ही तो हो
मुझे स्वच्छ बनाने वाली और
तुम्हारे सहारे ही
में रहूंगी भी कुछ समय जीवित
*
तब तक
जब तक तुम रहोगी मेरे जल में
मेरे साथ
*
— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच